एक आदमी की सफलता दूसरे का नुकसान क्रिकेट में आम बात है। करुण नायर ने हाल ही में इस बात का उदाहरण पेश किया है। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरिज में चोटिल अजिंक्य रहाणे के चोटिल होने के बाद उन्हें मौका मिला और उन्होंने तिहरा शतक ठोंककर रहाणे की जगह पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है। सहवाग के बाद नायर दूसरे ऐसे बल्लेबाज़ जिन्होंने टेस्ट में भारत की तरफ से तिहरा शतक बनाया है। यही हालात अक्षर पटेल के चोटिल होने के बाद पैदा हुआ है। उनकी जगह पर वनडे सीरिज में इंग्लैंड के खिलाफ टीम चयनकर्ता कुलदीप यादव को मौका दे सकते हैं। कुलदीप मौजूदा समय में अच्छी फॉर्म में हैं चाइनामैन गेंदबाजी एक कला है, जो भारत में बहुत ही कम ही देखने को मिलती है। कुलदीप यादव को इस कला में महारथ हासिल है। लेकिन उन्हें घरेलू क्रिकेट में कम विकेट मिले हैं। इसी वजह से उन्हें चयनकर्ता टीम इंडिया में मौका नहीं दे रहे हैं। लेकिन इस साल रणजी सीजन में उन्होंने कमाल का खेल दिखाया है। जिसकी वजह से इस बार उन्हें टीम में मौका मिल सकता है। क्योंकि अक्षर पटेल छोटी हैं। कुलदीप ने इस साल उत्तर प्रदेश के लिए खेलते हुए यादव ने 27।42 के औसत से 8 मैचों में 35 विकेट लिए हैं। इससे उनकी विकेटटेकिंग क्षमता बढ़ी है। कुलदीप इसके अलावा निचले क्रम के अच्छे बल्लेबाज़ भी हैं। 21 प्रथम श्रेणी मैचों में कुलदीप ने 718 रन बनाये हैं। ऐसे में वह इंग्लैंड सीरिज के खिलाफ वनडे सीरिज में अक्षर पटेल के बेहतर रिप्लेसमेंट साबित हो सकते हैं। अनिल कुंबले उन्हें विकसित कर सकते हैं अनिल कुंबले दिग्गज स्पिनर रह चुके हैं। उन्होंने भारत के लिए 619 टेस्ट विकेट लिए हैं। उनके कोच बनने के बाद से टीम इण्डिया के खेल में बेहतरीन सुधार हुआ है। ऐसे में कुलदीप को कुंबले अच्छे से तैयार कर सकते हैं। जैसे इंग्लैंड के स्पिनर आदिल राशिद सक़लैन मुश्ताक की देखरेख निखरे हैं। कुंबले खुद एक बेहतरीन लेग स्पिन गेंदबाज़ रहे हैं। ऐसे में कुलदीप यादव को एक बेहतर गेंदबाज़ बनने में मदद मिलेगी। ये इस युवा खिलाड़ी के लिए बेहतरीन मौका हो सकता है। ये उनके अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए अच्छा साबित हो सकता है। स्पिनर उम्र के साथ बेहतर होते जाते हैं, जैसाकि अश्विन के केस में देखा जा सकता है। पुरानी शराब की तरह स्पिन गेंदबाज़ भी वक्त के साथ अपना असर जादुई छोड़ते हैं। स्पिन गेंदबाजों को अपनी सही गेंदबाज़ी का अंदाजा जब हो जाता है। तो उसके प्रदर्शन में स्वाभाविक सुधार होता है। जिस तरह से चयनकर्ताओं ने अश्विन का सपोर्ट किया है। उसी तरह से कुलदीप पर भी भरोसा जताए जाने की जरूरत है। कुलदीप आने वाले समय में भारत के लिए एक मैच विनर गेंदबाज़ साबित हो सकते हैं। वह अश्विन की तरह ही खुद को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में स्थापित कर सकते हैं। साल 2012 में जब भारत ने उन्मुक्त चंद की कप्तानी में अंडर 19 विश्वकप में बहुत से प्रतिभावान खिलाड़ी सामने आये थे। उसमें हरमीत सिंह और कप्तान चंद भी शामिल थे। लेकिन युवा प्रतिभा कई बार घरेलू क्रिकेट में खुद को साबित नहीं कर पाते हैं। लेकिन अब जब कुलदीप यादव ने अपनी काबिलियत घरेलू क्रिकेट में खुद को साबित किया है। ऐसे में चयनकर्ताओं को उन्हें एक मौका जरुर देना चाहिए। ये वक्त भी उनके लिए बहुत ही अच्छा है। जहां से वह अपने खेल को नया आयाम दे सकते हैं।