बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारीयों के बीच मतभेद उस समय फिर उजागर हो गये, जब कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी और वरिष्ठ सदस्य राजीव शुक्ला से सलाह मशविरा किये बिना भारत-अफगानिस्तान टेस्ट मैच के कार्यक्रम की घोषणा कर दी गयी। मंगलवार को बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी और सीईओ राहुल जौहरी ने भारत अफगानिस्तान टेस्ट मैच के आयोजन स्थल की घोषणा की, उन्होंने बताया की भारत-अफगानिस्तान टेस्ट 14 जून से 18 जून तक बैंगलोर में खेला जायेगा। यह अफ़ग़ानिस्तान का पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच होगा। बीसीसीआई संविधान के अनुसार मैच के आयोजन (जगह और दिनांक) से सम्बंधित फैसले दौरा और कार्यक्रम उप समिति लेती है। अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष 'दौरा और कार्यक्रम उप समिति' के सदस्य होते हैं। बुधवार को सीके खन्ना ने ई -मेल कर इस बात की तरफ इशारा किया | (इस ई-मेल की कॉपी एक अंग्रेज़ी दैनिक के पास है) उस ई-मेल का संक्षिप्त हिंदी रूपांतरण इस प्रकार है : ई-मेल में खन्ना ने लिखा "प्रिय अमिताभ जी, 11 दिसंबर 2017 को हुई मीटिंग में बीसीसीआई ने अफगानिस्तान के साथ टेस्ट मैच आयोजित करने का ऐतिहासिक फैसला लिया, इस फैसले की सभी ने तारीफ़ की | आपने कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलान किया की भरता-अफगानिस्तान टेस्ट मैच बेंगलुरु में खेला जायेगा | मेरी राय में आयोजन स्थल के रूप में बेंगलुरु काफी अच्छी जगह है और बेंगलुरु ने अब तक काफी अच्छे मैचों की मेज़बानी की है | इसलिये मैं आपको आयोजन स्थल के बारे में नहीं, लेकिन आयोजन स्थल चुनने की प्रक्रिया के बारे में लिख रहा हूँ | आपको अच्छी तरह पता है की आयोजन स्थल और कार्यक्रम का फैसला 'दौरा और कार्यक्रम उप समिति' करती है | और 2017-18 की घरेलु सत्र की द्विपक्षीय शृंखला के आयोजन से सम्बंधित फैसले कोलकाता में हुई 'दौरा और कार्यक्रम उप समिति' की बैठक में लिए गये थे | ऐसे में 'उप समिति' की बैठक में चर्चा किये बिना आयोजन स्थल की घोषणा करना उपयुक्त नहीं है | और आपने बीसीसीआई के अन्य शीर्ष अधिकारीयों और 'उप समिति' के अन्य सदस्यो से सलाह मशविरा किये बिना आयोजन स्थल की घोषणा की |" खन्ना ने आगे लिखा "मैं इस बात पर बल देना चाहूंगा की मैं आयोजन स्थल के विकल्प और आपके फैसले की गुणवत्ता पर सवाल नहीं उठा रहा, लेकिन वह फैसला उपयुक्त मंच पर होना चाहिये था | मैं आपको 31 जनवरी को दिल्ली में 11 बजे 'उप समिति' की बैठक रखने का सुझाव देता हूँ, उस बैठक में भारत - अफगानिस्तान टेस्ट मैच के आयोजन स्थल से सम्बंधित चर्चा की जाएगी |" बीसीसीआई के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पीटीआई को बताया,"‘हां, किसी ने भी इस फैसले को लेकर पदाधिकारियों से सलाह मशविरा नहीं किया क्योंकि किसी ने भी प्रोटोकॉल के अनुसार उप समिति की बैठक नहीं बुलाई। अफगानिस्तान से खेलने का फैसला आम सभा (दिसंबर में एसजीएम में) में किया गया और अब तारीख और मैदान की घोषणा के दौरान सदस्यों की अनदेखी की गई।" बीसीसीआई सचिव से जुड़े एक सूत्र ने बताया की अब सचिव को 'दौरा और कार्यक्रम उप समिति' से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है | सूत्र के मुताबिक "सचिव को सभी आईसीसी मामलों पर निर्णय लेने की शक्तियां सौंपी गई है" | हालाँकि कुछ सदस्यों का मानना है की सुप्रीम कोर्ट ने जब आईसीसी से सम्बंधित मामलों पर अपनी राय दी तो उसका मतलब वर्ल्ड गवर्निंग काउंसिल मीटिंग से था, न कि अंतरराष्ट्रीय मैचों के आयोजन से था |