भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानि बीसीसीआई द्वारा टीम इंडिया के नए कोच के लिए आवेदन मांगे जाने के फैसले पर पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का बयान आया है। बोर्ड द्वारा कोच के लिए प्रक्रिया आरम्भ करने पर गावस्कर ने उनका समर्थन किया है। वर्तमान कोच अनिल कुंबले का एक वर्षीय अनुबंध जून में चैंपियंस ट्रॉफी के बाद समाप्त हो रहा है। विराट कोहली और अनिल कुंबले के बीच विवादों की ख़बरें आने के बाद बोर्ड ने नए कोच की तलाश शुरू करने का फैसला लिया है। इसी मुद्दे पर इंडिया टूडे से बातचीत करते हुए सुनील गावस्कर ने कहा कि कोच और कप्तानों के बीच अंतर जनरेशन गैप के चलते होते हैं और यह कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा सभी देशों की टीमों में होता है। गावस्कर के शब्दों में "मेरी नजर में बीसीसीआई प्रक्रिया का पालन कर रही है। आपको ऐसी स्थिति कभी नहीं मिलेगी, जिसमें एक देश का कप्तान और कोच सामान हो। ऐसा होना संभव नहीं है क्योंकि कोच ने अलग पीढ़ी में खेला है इसलिए उनकी पहल कुछ अलग प्रकार की हो सकती है। इसमें ऐसा नहीं हो सकता कि मैदान पर वही हो जो अभ्यास में हुआ है। मुझे नहीं लगता कि ऐसी चीजों को गम्भीरता से लेना चाहिए क्योंकि ये टीम के लिए अच्छे होते हैं।" आगे इस पूर्व महान खिलाड़ी ने यह भी कहा कि एक कोच वह होता है, जो आगे के 8 से 10 वर्षों के लिए टीम की रणनीति बनाए और एक नजरिया रखे। टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 10 हजार रनों के आंकड़े तक पहुंचने वाले इस खिलाड़ी ने कोच के रूप में अनिल कुंबले के पिछले एक वर्ष के कार्यकाल पर कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। उन्होंने कहा कि कुंबले के परिणाम को देखा जाए, तो उन्होंने अच्छा कार्य किया है। गौरतलब है कि कुछ ख़बरें ऐसी आई हैं कि कुंबले के कोहली और टीम के अन्य सदस्यों के साथ व्यवहार खराब होने के कारण बोर्ड ने नए कोच की तलाश शुरू की है। फिलहाल टीम इंडिया चैम्पियंस ट्रॉफी खेलने के लिए इंग्लैंड के दौरे पर है।