भारतीय तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने कार्यभार प्रबंधन की आलोचना करते हुए कहा कि यह हाल के दिनों में आया नया शब्द है। भारत ने आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप के ठीक बाद भारत के न्यूजीलैंड दौरे के लिए केएल राहुल, रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों को आराम दिया था। इशांत शर्मा के अनुसार वर्कलोड मैनेजमेंट पहले नहीं था।
इशांत शर्मा ने स्पोर्टस्टार से बातचीत करते हुए कहा कि अभी मैं बस इतना ही कहूंगा कि 'काम के बोझ के बारे में ज्यादा मत सोचो'। यह एक नया शब्द है जो हाल के दिनों में आया है, खासकर तेज गेंदबाजों के लिए आया है। मैंने अपने अंतरराष्ट्रीय टेन्योर के दौरान ऐसा कुछ नहीं देखा। जब मैंने खेलना शुरू किया, तो मेरे कोच पुराने जमाने के कोच थे, जो दोपहर के 1 बजे मुझे हाथ में गेंद देते थे और हम सूर्यास्त तक चलते रहते थे। जब मैंने रणजी ट्रॉफी में और बाद में भारत के लिए पदार्पण किया तो मैं इसी तरह से लंबे स्पैल फेंक सकता था। अगर आप सुधार करना चाहते हैं तो आप सिर्फ इतना कर सकते हैं कि गेंदबाजी करते रहो।
इशांत ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि अगर आपने घरेलू क्रिकेट के जरिए अपना नाम बनाया है तो आपको उसके बाद मैच खेलने को लेकर सलेक्टिव नहीं होना चाहिए। अगर आप घरेलू क्रिकेट खेलना चाहते हैं तो आपको कोई नहीं रोक सकता। जब आपने देश के लिए अच्छी खासी क्रिकेट खेली हो तभी आपको समय-समय पर ब्रेक दिया जा सकता है। अधिकांश पेसर रणजी ट्रॉफी मैचों के दौरान टूट जाते हैं क्योंकि वे अच्छी तैयारी से नहीं गुजरते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आप एक गेम में केवल 20 ओवर ही फेंक सकते हैं, इसके लिए आपको नेट्स पर 25 ओवर नियमित अभ्यास करना होगा।
गौरतलब है कि इशांत शर्मा काफी समय से टीम इंडिया में नहीं है। वह रणजी में खेल रहे हैं। भारतीय टीम में उनकी वापसी के आसार काफी कम ही दिख रहे हैं। सफेद गेंद क्रिकेट में वह काफी पहले ही बाहर हो गए थे।