हाल ही समाप्त हुई सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 3-2 से हरा कर, कुछ महीने पहले अपनी जमीन पर भारतीय टीम से मिली हार का बदला ले लिया। यह जीत इसलिए भी ज्यादा ख़ास रही क्यूंकि ऑस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की एकदिवसीय सीरीज़ जीतने के लिए 0-2 पिछड़ने के बाद सीरीज़ में वापसी की। यह उस्मान ख्वाजा, पीटर हैंड्सकोम्ब, एडम जैम्पा और पैट कमिंस जैसे खिलाड़ियों के प्रभावशाली प्रदर्शन के कारण हो सका था।
भारत के लिए मोहाली में शिखर धवन के 143, विराट कोहली के 41 वें वनडे शतक और रोहित शर्मा के 8000 वनडे रनों को पार करने जैसे रिकॉर्ड सामने आये। लेकिन ऋषभ पंत, केएल राहुल और विजय शंकर कुछ बड़ा करने के अवसर से चूक गए।
भारत ने इस सीरीज में विश्व कप से पहले सही संतुलन कायम करने के लिए काफी प्रयोग किया था। इसलिए टीम में बहुत बदलाव किए गए, खासकर गेंदबाजों के साथ, जो जरूरी नहीं था। उदाहरण के लिए, भुवनेश्वर कुमार लंबे समय के बाद खेलते दिखे और यही कारण रहा कि वह फॉर्म में नही दिखाई दिखे। इसके अलावा कुलदीप और चहल की स्पिन जोड़ी को तोड़ कर कुछ और प्रयोग किये गये, जिनका असर यह रहा कि जहाँ कुलदीप किसी भी मैच में प्रभावशाली नही नज़र आये वही दूसरी ओर चहल को भी जो अवसर मिला उसमे वह पूरी तरह से रंग में नज़र नही आये।
इसके अलावा हाल के दिनों में भारत के सामने कुछ अन्य समस्याएं भी रही हैं और उनका समाधान अभी भी नहीं मिला है। यही वजह है कि इस सीरीज़ में हार के बाद ये सवाल फिर से उभर आये हैं और यह कहना गलत न होगा कि इन्हीं के चलते कहीं न कहीं भारत को हार का सामना करना पड़ा।
यहां हम ऐसे ही कुछ सवालों पर नज़र डाल रहे हैं जिनका जवाब भारतीय टीम को आईसीसी विश्व कप 2019 से पहले ढूंढ़ना होगा, जिससे की विश्व कप में वो बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
# 1 अभी भी भारतीय टीम को 4 नंबर पर खेलने वाला बल्लेबाज़ नही मिला
यह काफी समय से भारत की सबसे बड़ी समस्या रही है। इसने हाल के दिनों में एकदिवसीय टीम के रूप में उनकी सफलता में बाधा नहीं डाली है। हालाँकि इसने टीम के रूप में प्रदर्शन पर असर नही डाला और हाल में न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, कुछ ऐसा जो कई भारतीय टीमों ने वर्षों से हासिल करने में कामयाब नही रहीं।
मगर शीर्ष क्रम के बेहतर न करने की स्थिति में भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप अचानक से कमजोर दिखने लगती है। भारत अभी भी अपने शीर्ष तीन बल्लेबाजों, रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली पर निर्भर है। हाल ही में एकदिवसीय श्रृंखला में केवल भरोसेमंद कोहली बल्ले से निरंतर रन आये, जिससे टीम का प्रदर्शन प्रभावित हुआ।
भारत ने प्रयोग के लिए विजय शंकर, अंबाती रायडू और केएल राहुल को चार नंबर पर खिलाया और अभी भी इस बात की कोई स्पष्टता नहीं है कि विश्व कप के लिए इंग्लैंड और वेल्स की यात्रा कौन करेगा। न्यूजीलैंड में उनके हालिया प्रदर्शन और नागपुर में दबाव में शानदार प्रदर्शन से भारत को जीत दिलाने वाले विजय शंकर कुछ हद तक लगता है कि इस स्थान को पक्का कर चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया की टीम के खिलाफ विजय का औसत प्रदर्शन रहा, वहीं रायडू और राहुल बिलकुल रंग में नही दिखे।
अब ऐसे में जब हार्दिक पांड्या विश्व कप के लिए वापसी टीम में आएंगे, तो बड़ा प्रश्न यही होगा कि क्या भारत नंबर 4 के क्रम पर एक विशेषज्ञ बल्लेबाज चाहिए या विजय शंकर के रूप में हरफनमौला खिलाड़ी। इसलिए यह प्रश्न अभी भी अनुत्तरित है। हाल ही में समाप्त हुई एकदिवसीय श्रृंखला में तीन बल्लेबाजों को मौका देने के बाद, शंकर को आदर्श रूप से विश्व कप टीम में जगह बना लेनी चाहिए, लेकिन किसी को यह नहीं पता कि चयनकर्ता किसे चुनेंगे।
# 2 ऋषभ पंत या दिनेश कार्तिक - आदर्श बैकअप विकेट कीपर कौन है?
ऋषभ पंत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू वनडे के लिए अनुभवी दिनेश कार्तिक की जगह टीम में शामिल किया गया था। मगर दुख की बात है कि न तो यह युवा खिलाड़ी खुद को विकेट कीपर के रूप में स्थापित कर पाया और न ही उन्हें मिले दो अवसरों में बल्लेबाज के रूप में। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस श्रृंखला में पंत के प्रदर्शन पर टिप्पणी करने या उनका विश्लेषण करने पर विचार करना पड़ा क्योंकि उन्हें सिर्फ दो अवसर मिले। लेकिन भारत के विश्व कप टीम में स्थान बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा ही कुछ ऐसी है।
हालाँकि यह कहना होगा कि अब तक पंत को एकदिवसीय प्रारूप में जो मौके मिले, उसे वह भुना नहीं सके हैं और उनकी विकेट-कीपिंग भी बिलकुल अच्छी नही रही। उनका एश्टन टर्नर की स्टंपिंग में ना कर पाना मोहाली में दोनों टीमों के बीच का अंतर साबित हुआ।
अनुभव को देखते हुए वैसे तो दिनेश कार्तिक को विश्व कप में भारत की पहली पसंद होना चाहिए था, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि डीके शायद चयन की दौड़ से बाहर हैं। ऐसे में अब चयनकर्ताओं द्वारा चुनी टीम की ही प्रतीक्षा करनी होगी। संभवत: आईपीएल 2019 में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करने वाला विकेटकीपर एमएस धोनी के लिए एक बैकअप विकल्प के रूप में विश्व कप में जगह बना सकता है।
# 3 क्या विराट कोहली बिना धोनी के कप्तान के रूप में तैयार हैं?
एमएस धोनी का मैदान पर टीम को नियंत्रण करते देखना कोई नयी बात नही है, खासकर जब स्पिनर मिलकर काम कर रहे होते हैं। विराट कोहली ज्यादातर बाउंड्री पर खड़े नज़र आते हैं और एमएसडी अपने अनुभव से टीम को संभालते हैं। हालाँकि यह रणनीति काम कर रही है और विश्व कप में भी ऐसा करने की संभावना बनी रहेगी, लेकिन यह सवाल अनुत्तरित है कि क्या कोहली बिना धोनी के कप्तान के रूप में तैयार हैं?
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी दो एकदिवसीय मैचों में यह स्पष्ट था कि कोहली ने मैच को भारत से दूर जाने दिया। जब मैच के दौरान चीजें उनके खिलाफ चल रही थीं, तो उन्हें गेंदबाजों को मार्गदर्शन देने और मनोबल बढ़ाने की जगह बाउंड्री पर तैनात देखा गया था। वह आमतौर पर इसे धोनी के ऊपर छोड़ देते हैं और यह काम करता है, विशेष रूप से तब जब धोनी कुलदीप यादव और केदार जाधव जैसे स्पिनरों को विकेट के पीछे से मार्गदर्शन देते हैं।
इसमें कोई संदेह नही कि कोहली की आक्रामकता और कप्तानी करने का तरीका अभी काफी आगे तक जाने वाला है और उन्होंने अब तक अच्छे परिणाम भी हासिल किये हैं। लेकिन धोनी का समर्थन और मार्गदर्शन के बिना, क्या वह स्वतंत्र रूप से खिलाड़ियों का मैदान पर प्रबंधन करने के लिए तैयार हैं?
भारत को उम्मीद होगी कि कोहली धोनी के साथ और अधिक सक्रिय हो जाएं और विश्व कप के दौरान मैदान पर एक साथ रणनीति तैयार और कार्यान्वित करें। बिना किसी संदेह के, भारत विश्व कप जीतने के लिए पसंदीदा है और निश्चित रूप से सभी को कोहली से बतौर कप्तान और बेहतर करने की उम्मीद होगी।