वर्ल्ड कप 2019 के समीफाइनल में न्यूजीलैंड से मिली हार के बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने माना कि कमजोर मध्यक्रम के चलते भारतीय टीम को इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा।
द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने बुधवार को मैच समाप्त होने के बाद अपनी टीम को इकट्ठा किया और उनसे कहा: " अपना सर ऊंचा रखें, गर्व करें। हांलाकि उन 30 मिनट को भुलाया नहीं जा सकता, लेकिन आप पिछले कुछ वर्षों में विश्व की बेस्ट टीम रहे हैं। आप लोग यह जानते है कि एक टूर्नामेंट, एक सीरीज और वो 30 मिनट यह तय नहीं करते कि बेस्ट टीम है। बेशक हम सभी इस हार से आहत और निराश हुए हैं, लेकिन आप लोगों ने शानदार काम किया और पिछले 2 सालों से आपने जो किया है, उस पर गर्व करें।"
रवि शास्त्री ने इस बात को भी स्वीकार किया कि नंबर 4 पर एक मजबूत और अनुभवी बल्लेबाज की कमी रही, जो मध्यक्रम की बल्लेबाजी को और ज्यादा मजबूती दे सकता था।
उन्होंने कहा, हाँ, मध्यक्रम में ठोस बल्लेबाज की जरुरत थी। लेकिन अब यह भविष्य के लिए है। यह एक ऐसी स्थिति है जो हमेशा हमें समस्या दे रही है, लेकिन हम इसे नजरंदाज नहीं कर सकते। लोकेश राहुल इस नंबर पर थे, लेकिन धवन के चोटिल होने के बाद उन्हें ओपन करना पड़ा। बाद में नंबर 4 पर आये विजय शंकर भी चोटिल हो गये। हम इसे नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। "
क्या टीम ने टेस्ट ओपनर मयंक अग्रवाल को टॉप आर्डर मानते हुए लोकेश राहुल को नंबर 4 पर धकेल दिया? "नहीं, यह बहुत मुश्किल है। मयंक अग्रवाल हमारे साथ आये तो इतना समय नहीं था। लेकिन अगर हम सेमीफाइनल के बाद एक मुकाबला और खेलते तो हम निश्चित रूप से यह करते। "
239 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी को नंबर 7 पर भेजे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा: " यह टीम का फैसला था और हर कोई इसके साथ था और यह एक सरल निर्णय भी था। अगर धोनी जल्दी बल्लेबाजी करने आते और जल्दी आउट हो जाते तो चेज करना मुश्किल हो जाता। हमें अंत में एक अनुभवी बल्लेबाज की जरुरत थी। वो हर समय का सबसे बड़ा फिनिशर है और उनका अंत में उपयोग नहीं करना गलत होता। इस पर पूरी टीम एकमत थी। "
"ऋषभ पंत जब बल्लेबाजी करने आये तो तो वो अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने ट्रेंट बोल्ट को भी अच्छे से खेला, आप कह सकते है कि वो आउट नहीं होते तो- लेकिन यह खेल है। वह इससे सीखेगा और वो यह जानता है, लेकिन मैं खुश हूँ कि टीम इंडिया ने दम दिखाया। ऋषभ पंत और हार्दिक पांड्या ने शानदार फाइट किया और उन्होंने हार नहीं मानी।"
कोच यह भी मानते है कि इस मैच के दो दिन का होने का असर भी परिणाम पर पड़ा। उन्होंने कहा "मंगलवार को मोमेंटम हमारे पक्ष में था, जो कि दूसरे दिन नहीं दिखा। फिर से शुरू करना भी सही नहीं होता, लेकिन खेल में कभी-कभी ऐसा होता है।"
शास्त्री ने धोनी और जडेजा की 116 रनों की शानदार साझेदारी की प्रशंसा भी की जिसने भारत को जीत के करीब पहुंचाया। उन्होंने कहा: "रविन्द्र जडेजा एक जबरदस्त बल्लेबाज है, उनमें शानदार प्रतिभा है, मुझे खुशी है कि उन्होंने अपनी प्रतिभा को समझा और टीम को अच्छे से संतुलित किया। वो 8 मैचों में बाहर रहे लेकिन इस दौरान जब भी वे फील्ड में आये उन्होंने जबरदस्त फील्डिंग की। अंत के 2 मैचों में प्लेइंग 11 में खेलते हुए उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। "
कोच ने धोनी के बारे में कहा: " वो शानदार खिलाडी हैं। अगर वो रन आउट नहीं होते तो उनके मन में सभी गणना चल रही थी। जिमी नीशम के अंतिम ओवर में शानदार बल्लेबाजी कर वो मैच जिता सकते थे।"
शास्त्री ने कहा कि यह एक शानदार टीम है। इस पूरे टूर्नामेंट में इनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी शानदार रही है। भविष्य में कुछ युवा खिलाड़ी बीच में आ सकते है और टीम को मजबूत बना सकते हैं। टीम सही रास्ते पर है, वे इसे जानते हैं। उन्होंने पिछले 30 महीनों से शानदार क्रिकेट खेला है और सेमीफाइनल में हारने का दुःख होता ही है। यह एक खेल है, इसलिए हम इसे खेलते हैं।
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