वर्ल्ड कप 2019 का आगाज 30 मई से हो चुका है जिसमें अब तक 16 मैच खेले जा चुके हैं। समय के साथ विश्व कप में दर्शकों की रूचि बढ़ती जा रही है लेकिन इसी बीच बारिश भी सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है।
वर्ल्ड कप 2019 में अब तक 16 मैच खेले जा चुके हैं, जिसमें से 3 मैच बारिश की वजह से रद्द हो गये और एक मैच में डीएलएस से श्रीलंका को जीत मिली। इससे पहले विश्व कप में सबसे ज्यादा 2 मैच रद्द होने का रिकॉर्ड था।
खराब मौसम और बारिश खेल पर नकारात्मक प्रभाव भी डालता है। बारिश की वजह से अन्य खेल इतने प्रभावित नहीं होते जितना क्रिकेट के मैच होते हैं। क्रिकेट में पिच और आउटफील्ड की स्थिति मैचों को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर सकती है।
44 साल पहले क्रिकेट में खराब पिचें आम थी लेकिन समय के साथ खेल में काफी बदलाव आया है और आज क्रिकेट बहुत आगे बढ़ चुका है। वर्तमान में श्रीलंका जैसे देशों में ग्राउंडमैन तेजी से मैदान को कवर कर लेते हैं। क्रिकेट बोर्ड भी मैचों के आयोजन का समय निर्धारित करते समय इन बातों का ध्यान रखते हैं।
इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और आयरलैंड जैसे देशों में बारिश सबसे बड़ी समस्या है और इसके परिणामस्वरूप, उनके बोर्ड अपने खेल को उन दिनों में निर्धारित करते हैं जिसमें बारिश होने के आसार कम हो। अगर बारिश से कोई मैच प्रभावित होता है तो मेजबान बोर्ड को इसका सबसे बड़ा नुकसान होता है। इनके अलावा प्रायोजक, टेलीकास्ट कंपनियों और टिकेट विक्रेता भी इस नुकसान का हिस्सा रहते हैं।
बारिश के कारण रद्द हुए मैचों में टिकेट खरीदकर मैच देखने वाले दर्शकों को क्या मिलेगा ? आईसीसी की रेन पॉलिसी इस बारे में क्या कहती है:
अगर कोई मैच किसी कारण से उस वेन्यु पर नहीं होता है जिसके लिए टिकेट वैलिड है ( इसमें रिजर्व डे भी शामिल है) तो टिकेट खरीददार फीस को छोड़कर मूल प्राइस को रिफंड का क्लेम कर सकता है। (a) खराब मौसम के चलते 15 ओवर से कम का मैच हो तो पूरी राशि रिफंड होगी। (b) यदि 15.1 से 29.5 ओवर तक का मैच हुआ हो तो 50% राशि रिफंड होती है।
विदेशों से और लंबी दूरी तय करके आये दर्शकों के लिए रिफंड संतोषजनक नहीं होता है, उसके लिए क्रिकेट बोर्ड को मैदानों के ऊपर छतों का निर्माण करवाना ही बेहतर विकल्प हो सकता है।
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