इंग्लैंड में होने वाले क्रिकेट विश्व कप में बल्लेबाजों से ज्यादा गेंदबाजों की भूमिका अहम बताई जा रही है। इसकी वजह है वहां का मौसम और विकेट। टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली सारी टीमों ने अपने गेंदबाजी आक्रमण को मजबूत कर लिया है। वहीं, सबसे ज्यादा चर्चा भारतीय खेमे के गेंदबाजों की है। आईपीएल में जिस तरह से भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी ने बेहतरीन गेंदबाजी की, उस लिहाज से भारत के तेज गेंदबाजों की तिकड़ी को विश्कप के लिए सबसे बेस्ट माना जा रहा है। इस बात को सुनकर भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी भी खुश होते हैं। वह कहते हैं कि इस बार हमारे पास कौशल के साथ तेजी भी है, जो विश्व कप में हमें बाकियों से बेहतर बना रही है।
मोहम्मद शमी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि टीम की गेंदबाजी उसकी ताकत मानी जा रही है। 20 से 30 साल पुराना भारतीय क्रिकेट का इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा कि हमेशा बल्लेबाजों का राज हुआ है। इसमें गेंदबाजों का दोष नहीं था क्योंकि विकेट ही ऐसी बनती थीं। पिछले पांच से सात साल में चीजें बदलने लगी हैं। यह एक रात में नहीं हुआ है। इस बदलाव पर हम काम कर रहे हैं और हमें मदद मिल रही है। विश्वकप में भारतीय टीम की बात करूं तो इस बार कौशल के साथ पेस भी है, जो हमारी विशेष पहचान बन गई है। यह एक सपने के पूरे होने जैसा है। मुझे खुशी होती है कि लोग आज हमारे तेज गेंदबाजों के बारे में बात करते हैं। यही हमारी ताकत बन गई है।
टेस्ट गेंदबाज के रूप में देखे जाने के सवाल पर शमी ने कहा कि मैं कई दिनों से सीमित ओवरों का क्रिकेट खेल रहा हूं पर मुझे हाल ही में ऑस्ट्रेलिया सीरीज में आत्मविश्वास मिला। इसे मैंने आईपीएल में भी जारी रखा। मैं बस मौके का इंतजार कर रहा था। मेरा सफेद गेंद से भी रिकॉर्ड अच्छा है। मेरे दिमाग में था कि मुझे जब मौका मिलेगा, मैं उसे किसी भी तरह से भुनाना चाहूंगा। इसका मुझे पिछले दो साल से इंतजार था। मैं बताना चाहता था कि क्या कर सकता हूं। यह मौका जब मिला तो मैंने उसे जाने नहीं दिया।
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