भारत में वर्ल्ड कप (World Cup 2023) का आयोजन 5 अक्टूबर को होगा और इसके लिए आईसीसी ने भारत के पिच क्यूरेटर्स को खास दिशा-निर्देश दिए हैं। आईसीसी ने भारतीय क्यूरेटर्स को साफ कह दिया है कि वो इस तरह की पिच तैयार ना करें जिसमें टॉस की भूमिका अहम हो जाए। आईसीसी के मुताबिक पिच पर अतिरिक्त घास होनी चाहिए और बाउंड्री की साइज भी लंबी होनी चाहिए।
वर्ल्ड कप का आयोजन भारत में अक्टूबर और नवंबर में होगा और इस दौरान टॉस की भूमिका काफी अहम हो जाती है। इसकी वजह ये है कि इस दौरान रात में ओस काफी ज्यादा गिरती है और इसी वजह से बाद में गेंदबाजी करने वाली टीम को इसका नुकसान उठाना पड़ता है। दूसरी पारी में बैटिंग करना आसान हो जाता है। इसी वजह से जो भी टीम टॉस जीतकर बैटिंग करती है उसके मैच जीतने के चांस बढ़ जाते हैं।
ओस का असर मैच पर नहीं पड़ना चाहिए - सोर्स
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक एक सोर्स ने बताया कि ओस की भूमिका काफी अहम हो जाती है इसी वजह से ये निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा,
ओस की वजह से स्पिनर्स के ऊपर काफी असर पड़ता है। अगर पिच पर ज्यादा घास होगी तो फिर टीमों को स्पिनर्स के ऊपर ज्यादा डिपेंड नहीं रहना पड़ेगा। इसके अलावा वनडे में ज्यादा बड़े स्कोर की भी जरूरत नहीं है। इसके अलावा ये भी कहा गया है कि बाउंड्री की साइज 70 मीटर से ज्यादा होनी चाहिए, ताकि आसानी से चौके-छक्कें ना लग सकें।
खबरों के मुताबिक आईसीसी चाहती है कि टीमें अतिरिक्त तेज गेंदबाज को खिलाएं। ये शुरु में तो काम कर सकता है लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ते जाएंगे पिचें स्लो होती जाएंगी। अब देखने वाली बात होगी कि एक मेजबान होने के नाते भारत पिच पर एक्स्ट्रा घास छोड़ता है या नहीं।