विश्व कप को लेकर क्रिकेट फैंस का इंतजार खत्म हो चुका है। इंग्लैंड और वेल्स में होने वाले इस विश्व कप का पहला मैच इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया। वर्ल्ड कप 2019 में 10 देश इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे है।
विश्व कप 2019 से पहले तक इस टूर्नामेंट के 11 संस्करण हो चुके है, जिसमें दुनिया भर की 20 देशों ने भाग लिया। इनमें से कुछ देश ऐसे भी रहे जो इस टूर्नामेंट में अपनी छाप नहीं छोड़ पाए और मात्र एक बार उपस्थिति दर्ज कराने के बाद वापस नजर नहीं आये।
यहाँ हम उन 3 टीमों के बारे में बात करेंगे जो इस टूर्नामेंट में केवल एक ही बार भाग ले सकी:
#1 बरमूडा:
बरमूडा ने अपना पहला इंटरनेशनल वनडे मैच 17 मई 2006 को कनाडा के खिलाफ खेला, इस मैच में उसे जीत मिली। बरमूडा के लिए सबसे यादगार क्षण 2005 का रहा जब उन्होंने आईसीसी ट्रॉफी के लिए क्वालीफाई किया।
बरमूडा की टीम ने 2007 में अपने पहले और एकमात्र वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में क्वालीफाई किया। इस विश्व कप में उसे भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका के ग्रुप में रखा गया था। हालांकि वे अपने सभी मैच हार गए और और सुपर 8 में जगह बनाने में विफल रहे।
वर्ल्ड कप 2007 में उन्होंने अपना पहला मैच श्रीलंका के खिलाफ खेला, जिसमें श्रीलंका ने कुमार संगकारा और जयवर्धने के दम पर उनके सामने 322 रनों का विशाल लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी बरमूडा की टीम मात्र 78 रन पर ऑलआउट हो गई, इस तरह श्रीलंका ने इस मैच को 243 रनों से जीत लिया।
बरमूडा ने इस सीरीज में अपना दूसरा मैच 2003 की उपविजेता भारत के सामने खेला। इस मैच में भारतीय टीम ने वीरेंदर सहवाग के शतक तथा गांगुली और युवराज की शानदार पारी के दम पर 413 रन बना डाले। इस विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी बरमूडा की टीम 156 रनों पर ही ढेर हो गयी और भारतीय टीम ने अजीत अगरकर अनिल कुंबले के 3-3 विकेट की बदौलत यह मैच 257 रनों से जीत लिया।
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#2 नामीबिया:
अफ़्रीकी देश नामीबिया ने सभी बाधाओं को पार करते हुए 2003 वर्ल्ड कप में अपनी जगह बनाई। हालांकि इस टूर्नामेंट में वो अपनी छाप छोडने में पूरी तरह नाकाम रहे और एक भी मैच नहीं जीत पाए।
नामीबिया के विश्व कप अभियान की शुरुआत ही जिम्बाब्वे के खिलाफ हुई और इस मैच में उन्हें 86 रनों से हार का सामना करना पड़ा। अगले ही मैच में उनका सामना पाकिस्तान से हुआ, जिनकी खतरनाक गेंदबाजी के आगे नामीबिया की टीम 84 रनों पर ही ढेर हो गयी और इस मैच को भी पाकिस्तान ने 171 रनों से जीत लिया।
नामीबिया ने इस विश्व कप में इंग्लैंड को कड़ी टक्कर दी, लेकिन अंत में उन्हें 55 रनों से हार का सामना करना पड़ा, अगले मैच में उनके सामने भारतीय टीम थी, जिसमें सचिन के शतक से उन्हें एक बार फिर हाल का सामना करना पड़ा।
1999 की विजेता ऑस्ट्रेलिया के सामने 302 रनों का विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए नामीबिया की टीम मैक्ग्रा की घातक गेंदबाजी के आगे 45 रनों पर ही ढेर हो गयी। अपने अंतिम मैच में भी नामीबिया को नीदरलैंड्स के हाथों 64 रनों से हार का सामना करना पड़ा।
#3 ईस्ट अफ्रीका:
ईस्ट अफ्रीका की टीम ने वर्ल्ड कप 1975 में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। ईस्ट अफ्रीका की टीम केन्या, तंजानिया, जाम्बिया और युगांडा देशों के प्रतिनिधित्व वाली टीम थी।
वर्ल्ड कप 1975 में अपने पहले ही मैच में ईस्ट अफ्रीका का सामना न्यूजीलैंड की टीम से हुआ। इस मैच में न्यूजीलैंड ने ग्लेन टर्नर के 171 रनों की बदौलत 309 रन बनाये, वहीं न्यूजीलैंड के गेंदबाजों की घातक गेंदबाजी के चलते ईस्ट अफ्रीका की टीम 128 रनों पर ही ढेर हो गयी और इस मैच में उन्हें 181 रनों से हार का सामना करना पड़।
ईस्ट अफ्रीका का अगला मैच भारतीय टीम के खिलाफ था, इस मैच में भी उनकी बल्लेबाजी लड़खड़ा गयी और 120 रनों के स्कोर पर ही पूरी टीम ऑल आउट हो गयी। भारतीय टीम ने सुनील गावस्कर के 65 और फारूख इंजीनियर के 54 रनों की बदौलत यह मैच जीत लिया। इसके बाद उनके अंतिम मैच में भी ईस्ट अफ्रीका को इंग्लैंड के हाथों 196 रनों से हार का सामना करना पड़ा।
वर्तमान में केन्या, तंजानिया, ज़ाम्बिया और युगांडा की अलग अलग टीमें है लेकिन ईस्ट अफ्रीका अब मौजूद नहीं है।