ओपनर उन्होंने अपनी अंतिम 98 पारियों में सिर्फ 4 शतक बनायें हैं, इसके बावजूद एलिस्टेयर कुक अभी भी सर्वश्रेष्ठ टेस्ट ओपनर है, जो किसी भी हालात के बावजूद अच्छी बल्लेबाजी कर सकता है। कुक को भारत में अच्छा प्रदर्शन करने की आदत सी है और इस देश में किये गये अपने पहले दो दौरों में भारतीय स्पिनरों के खिलाफ उन्हें संघर्ष करते नही पाया गया है और तीसरे में वह 37 के औसत से 369 रनों के साथ अन्य बल्लेबाजों की तुलना में कहीं बेहतर थे। इंग्लैंड का पूर्व कप्तान अपने आप पारी की शुरुआत के पसंद बन जाता है, लेकिन उनके शुरुआती साथी की भूमिका एक कठिन चुनौती थी क्योंकि यहाँ विश्व के दो सर्वश्रेष्ठ एक दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा में थे। ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर अपनी टीम के लिये पिछले कुछ समय से इस फॉर्मेट में एक खोज रहे हैं लेकिन जब वो पहले कभी भी भारत के दौरे पर गये हैं तो भारतीय स्पिनरों को कम ही परेशान कर पाए हैं। साथ ही उनका ऑस्ट्रेलिया के बाहर प्रदर्शन भरोसा देने लायक नही रहा है, इसलिए उनका नाम तो विश्व एकादश से चयन के लिये बाहर हो जाता है। शीर्ष पर कुक के साथ आने वाले बल्लेबाज के तौर पर पाकिस्तान के अजहर अली का नाम होगा। हालांकि अजहर ने अभी तक भारत या भारत के खिलाफ टेस्ट मैच नहीं खेला है, लेकिन वह लंबे प्रारूप में पाकिस्तान के लिए प्रभावशाली रहे है, चाहे जहाँ भी उनकी टीम पिछले कुछ सालों में खेली हो। फिलहाल सबसे कम तारीफें पाने वाले टेस्ट बल्लेबाजों में से एक अजहर ने विश्व के हर कोने में रन बनाए हैं और आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में सातवें स्थान पर है। उन्होंने स्पिन के खिलाफ एक ठोस तकनीक भी दिखाई है और यह देखते हुए कि उन्होंने ज्यादातर मैचों को उन जगहों पर खेला है, जो एक खिलाड़ी को भारत में मिलने वाली कंडीशन मिलती जुलती हुई हैं, वे इस टीम के लिए एक बहुमूल्य खिलाड़ी होंगे। ध्यान दिए गये खिलाड़ियों के नाम : एलिस्टर कुक, डेविड वार्नर और अजहर अली।