तेज गेंदबाज ऐसा नही है की कोई टीम भारत में खेल रही है और स्पिनरों का काम बढ़ने से तेज़ गेंदबाजों की जिम्मेदारी खत्म हो जाएगी। इसका मतलब यह नहीं है कि इन परिस्थितियों में तेज गेंदबाजों का कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें एक छोर से दबाव बनाने की जरूरत होती है और गेंद जब पुरानी हो जाती है, तो वे एसजी गेंदों से रिवर्स स्विंग निकाल सकते हैं। फिलहाल सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन भले ही हो लेकिन जो स्थिति तेज गेंदबाजी के लिये न हो तो उन्हें परेशानी होती है। उनकी टीम के साथी स्टुअर्ट ब्रॉड इन कंडीशन में शामिल होने के लिए एक अच्छा विकल्प है, लेकिन दुनिया के इस हिस्से में उनके प्रदर्शन और उनकी सिमित विविधता उन्हें इस एकादश से दूर करती है। दुर्भाग्य से, इलेवन से बाहर होना पड़ेगा और जगह ऐसे दो गेंदबाजों के लिये है जो इस वक़्त ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। कगिसो रबाडा युवा और एक रोमांचक संभावना है, जिन्होंने महान गेंदबाज डेल स्टेन की जगह अफ्रीकी गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ के रूप में लिया है। 22 वर्षीय ने पहले ही सिर्फ 20 मैच में 87 विकेट लिए हैं और वह पहले से ही तीनो प्रारूपों में महानता के रास्ते पर है। वह तेज है, नई गेंद को दोनों तरफ स्विंग कर सकते है, पुरानी गेंद के साथ रिवर्स स्विंग पैदा कर सकता है, एक तेज बाउंसर और साथ ही पास एक घातक यॉर्कर है। उन्होंने भारत के खिलाफ तीन मैच खेले हैं और उनमें से तीनो घर से बाहर आये हैं। हालांकि वह अपनी पहली सीरीज़ में बहुत प्रभावी नहीं थे, पर उन्होंने पिछले दो सालों में बहुत सुधार किया है और संभवत: इस समय सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं। राबादा के साथ नई गेंद को साझा करने आएंगे ऑस्ट्रेलिया के जोश हाज़लवुड, जिनहे अपने टीम के मिशेल स्टार्क से पहले चुना गया था, जो चोटों की चिंताओं का कारण परेशान है और गेंद के साथ जोश की सटीकता का उनके चयन का एक मुख्य कारण है। हाज़लवुड को सटीकता के लिए मैकग्राथ से करीब आते है। न्यू साउथ वेल्शमैन के इस खिलाड़ी का इस साल का भारत का अच्छा दौरा था और बल्लेबाजों को अपनी स्थिरता और बॉल के बाद एक ही क्षेत्र की गेंद को हिट करने की उनकी क्षमता के साथ परेशान किया, इन स्थितियों में दबाव बनाने की क्षमता के चलते उनका सामना आसान नही होगा। ध्यान दिए गये खिलाड़ियों के नाम: स्टुअर्ट ब्रॉड, कगिसो रबाडा, मिचेल स्टार्क और जोश हेज़लवुड