पूर्व भारतीय क्रिकेटर रुस्तम कूपर (Rustom Cooper) का 100 साल और 229 दिन की उम्र में निधन हो गया है। अपनी मृत्यु के समय वह सबसे उम्रदराज़ जीवित प्रथम श्रेणी क्रिकेटर थे। खबरों के मुताबिक यह बताया गया कि 31 जुलाई, 2023 को मुंबई में स्थित अपने घर में नींद के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई। आइए हम आपको दुनिया के इस सबसे उम्रदराज़ भारतीय क्रिकेटर के बारे में बताते हैं।
14 दिसंबर 1922 को बॉम्बे में जन्मे कूपर पिछले दिसंबर में 100 साल के हो गए थे। उन्होंने 1941 और 1951 के बीच प्रथम श्रेणी के 22 मैच खेले थे, जिसमें उन्होंने 52.39 की औसत से 1205 रन बनाए।
रणजी ट्रॉफी के फाइनल में खेली थी यादगार पारी
उनके करियर का एक खास समय 1944-45 का रणजी ट्रॉफी फाइनल था। उस मैच रुस्तम कूपर ने होलकर के खिलाफ पहली पारी में 52 और दूसरी पारी में 104 रन बनाए थे। उनकी इन परियों की वजह से बॉम्बे ने उस रणजी ट्रॉफी का फाइनल मैच 374 रनों से जीतकर खिताब अपने नाम कर लिया था।
कूपर ने बॉम्बे के अलावा इंग्लैंड में पार्सीस और मिडलसेक्स के लिए भी प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला था। मिडिलसेक्स ने एक बयान में कहा,
"रुस्तम सबसे उम्रदराज़ जीवित प्रथम श्रेणी क्रिकेटर थे और उन्होंने क्लब के स्वर्ण युग में तीन सीज़न तक मिडिलसेक्स के लिए खेला था।"
उन्होंने क्लब के लिए आठ मैच खेले, जिनमें से उन्होंने अगस्त 1950 में चेल्टनहैम में ग्लॉस्टरशायर के खिलाफ 54 रन बनाए थे। मिडलसेक्स के साथ रुस्तम कूपर के जुड़ने का कारण डेनिस कॉम्पटन थे। डेनिस ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सेना में सेवा करते हुए कूपर के खिलाफ क्रिकेट खेला था, और उनकी प्रतिभा को पहचाना था। उसके बाद डेनिस के अनुरोध करने पर ही रुस्तम कूपर इंग्लैंड चले गए। वहां उन्होंने अंग्रेजी खेल में एक पेशेवर के रूप में अपना करियर बनाते हुए, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में नौकरी ली।