डीआरएस का नियम आधुनिक समय में क्रिकेट के खेल में गलत अंपायरिंग निर्णयों को खत्म करने के लिए एक कुशल तरीका साबित हुआ है। हालाँकि, इसके बावजूद कई बार अंपायर कॉल की वजह से नॉट आउट होने के बावजूद खिलाड़ी अपना विकेट नहीं बचा पाते हैं। ऐसी ही एक घटना सोमवार को विमेंस प्रीमियर लीग (WPL 2024) के दूसरे सीजन के 11वें मुकाबले के दौरान देखने को मिली, जिसमें चमारी अट्टापट्टू (Chamari Athapaththu) के एलबीडब्लू आउट को लेकर एक बार फिर डीआरएस टेक्नोलॉजी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
यूपी वॉरियर्स की बल्लेबाजी के दौरान सातवां ओवर जॉर्जिया वैरहम ने किया। ओवर की तीसरी गेंद पर अट्टापट्टू ने स्वीप लगाने का प्रयास किया, लेकिन वो चूक गईं और गेंद उनके सामने वाले पैर पर लगी। इसके बाद आरसीबी के खिलाड़ियों ने एलबीडब्लू की अपील की लेकिन अंपायर ने नॉट आउट करार दिया।
इसके बाद कप्तान स्मृति मंधाना ने गेंदबाज और विकेटकीपर से बात करने के बाद डीआरएस लिया। रीप्ले के दौरान बॉल ट्रैकिंग में दिखा कि पिचिंग, इम्पैक्ट और विकेट हिटिंग नियम के हिसाब से सही थे। इसे देखने के बाद अट्टापट्टू और यूपी की कप्तान एलिसा हीली भी काफी हैरान नजर आईं, क्योंकि गेंद लेग लेग स्टंप स्टंप पर पिच हुई थी और रीप्ले में गेंद मिडिल स्टंप को हिट कर रही थी, जबकि यह लेग स्पिन थी। अट्टापट्टू इस निर्णय से काफी दुखी नजर आईं और उनकी पारी 8 रनों से आगे नहीं बढ़ पाई।
यह पहला मौका नहीं है, जब डीआरएस की टेक्नोलॉजी पर सवाल खड़े हुए हैं। इससे पहले भी कई मैचों में इस तरह की घटना ने फैंस को आकर्षित किया है और पूर्व क्रिकेटर्स भी इस पर अपनी अलग-अलग राय देते नजर आये हैं।
वहीं, इस मुकाबले की बात करें तो आरसीबी ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान स्मृति मंधाना और एलिस पेरी की अर्धशतकीय पारियों की मदद से 198/3 का स्कोर बनाया था। जवाब में यूपी की टीम पूरे ओवर खेलने के बाद 8 विकेट खोकर 175 रन ही बना पाई थी और 23 रनों से मैच हार गई।