पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद सभी के सामने एक बड़ा सवाल था कि आखिर विकेटों के पीछे कौन उनकी कमी पूरी करेगा। धोनी के स्तर तक पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं थी। मगर मौजूदा दौर में टीम इंडिया के विकेटकीपर साहा ने काफी हद तक उनकी कमी को भरने की पूरी कोशिश की है। साहा ने जरूरी मौकों पर टीम इंडिया के लिए न सिर्फ अहम रन बनाए बल्कि विकेट के पीछे भी जबरदस्त प्रदर्शन दिखाया है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा सीरीज की ही बात की जाए तो साहा ने न सिर्फ पुणे में खेले गए पहले टेस्ट में बल्कि बैंगलोर में संपन्न दूसरे टेस्ट में भी 'सुपरमैन' की तरह उड़कर कैच लपककर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। पुणे में जहां साहा ने स्टीव ओ'कीफ का हवा में लपक कर एक शानदार कैच पकड़ा था तो बैंगलोर टेस्ट में ऑफ स्पिनर अश्विन की गेंद पर मैथ्यू वेड का बेहतरीन कैच लपका था। एक इवेंट के दौरान दौरान पत्रकारों से बात करते हुए साहा ने दोनों ही कैचों के बारे में अपनी राय रखी। बेंगलुरु में लपके गए अपने कैच को साहा ने प्रेरणादायी बताया। यह भी पढ़ें : ऋद्धिमान साहा ने शानदार कैच लपककर मैथ्यू वेड को पवेलियन लौटाया उन्होंने कहा, 'जब लोग आपकी तुलना 'सुपरमैन' के साथ करते हैं तो यह हमेशा शानदार अहसास होता है। मगर वास्तव में कहूं तो अगर मैं सुपरमैन का कम से कम 10 प्रतिशत भी हासिल कर पाता तो यह बेहतरीन होता। मैं इस स्तर को बरकरार रखने की कोशिश करूंगा।' साहा ने पुणे के कैच को बेंगलुरु के कैच की तुलना में मुश्किल बताया। उन्होंने कहा, 'पहले मैच में प्रतिक्रिया का समय कम था और यह तेज गेंदबाज की गेंद पर था।' साहा ने स्वीकार किया कि अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे गेंदबाजों के खिलाफ पुणे और बैंगलोर जैसी स्पिन की अनुकूल पिच पर विकेटकीपिंग करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। उन्होंने कहा, 'टर्न लेती पिच पर विकेटकीपिंग करना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। उछाल में हमेशा असमानता होती है जैसा कि दोनों टेस्ट मैचों में था।'