बल्लेबाज़ों का चक्रव्यूह तोड़ रहे हैं कलाइयों के जादूगर

टी-20 रैकिंग में शीर्ष के पांच गेंदबाज लेग स्पिनर हैं। इसे गेंदबाजों की धमक समझें या बल्लेबाजों की कमजोरी, क्योंकि टी-20 को तो चौके छक्कों का खेल कहा जाता है। दनादन छक्के ही खिलाड़ियों को हीरो बनाते हैं और दर्शकों को स्टेडियम पहुंचाते हैं। लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कलाई के स्पिनरों ने बीते कुछ सालों में बल्लेबाजों के चक्रव्यूह को तोड़ा है। रैंकिंग में पहले स्थान पर अफगानिस्तान के स्टार राशिद खान हैं। बांग्लादेश के खिलाफ देहरादून में समाप्त हुए हालिया टूर्नामेंट के दौरान तीन मैचों में उन्होंने 12 विकेट चटकार साबित कर दिया कि आईपीएल के बाहर भी उनकी तूती बोलती है। शादाब खान, युजवेंद्र चहल, ईश सोढ़ी और सैमुअल बद्री इस सूची में आगे के चार पायदान पर कब्जा जमाए हुए हैं।

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वॉर्न और कुंबले को देख चुके दर्शक

दरअसल, इससे पहले भी एक दौर रहा था जब कलाई गेंदबाजों ने अपनी बादशाहत कायम की थी। आॅस्ट्रेलियाई गेंदबाज शेन वॉर्न ने अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से क्रिकेट जगत को आतंकित कर रखा था। अपने लेग ब्रेक गेंदबाजी से उन्होंने क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को भी परेशान किया था। वहीं भारत के पूर्व गेंदबाज अनिल कुंबले ने भी कलाई से गेंद को टर्न कराने में महारथ हासिल की थी। आज फिर से वो दौर लौट आया है। हालांकि तब की तुलना में आज टीमों के पास लेग स्पिन गेंदबाजों की संख्या ज्यादा है। इन गेंदबाजों की सफलता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अब ज्यादातर टीमें जिनके पास उपयोगी लेग स्पिनर हैं वो आॅफ स्पिनर को अंतिम एकादश में जगह ही नहीं देते। इसका ताजा उदाहरण भारतीय गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन हैं जिन्हें कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल पर तरजीह नहीं मिल रही।

बेहतर परिणाम दे रहे कलाई के स्पिन गेंदबाज

आंकड़े भी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि कलाई के गेंजबाजों ने कभी कप्तान को निराश नहीं किया। रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज पाकिस्तान के शादाब खान ने 16 टी-20 मैचों में 24 विकेट हासिल किए हैं। तीसरे पायदान पर कब्जा जमाए युजवेंद्र चहल कि गेंदबाजी के मुरीद तो कई दिग्गज हैं। यही कारण है कि भारतीय कप्तान विराट कोहली संकट में चहल को याद करते हैं। उन्होंने 21 टी-20 मैचों में 35 विकेट चटकाए हैं। चौथे स्थान पर न्यूजीलैंड के ईश सोढ़ी हैं जिनके नाम 26 टी-20 मैचों में 36 विकेट दर्ज है। पांचवें स्थान पर सैमुअल बद्री हैं।

क्यों आॅफ स्पिन से ज्यादा ख़तरनाक हैं लेग स्पिन गेंदबाज ?

आॅफ स्पिन गेंदबाजी में खिलाड़ी उंगलियों के सहारे गेंद को टर्न कराते हैं लेकिन लेग स्पिन गेंदबाज कलाई के सहारे गेंद को टर्न कराते हैं। इसे फेंकना जितना मुश्किल है उतनी ही मुश्किलें यह बल्लेबाजों के लिए भी पैदा करती हैं। इसमें गेदबाज कलाई को घुमाते हुए गेंद को लेग विकेट पर टप्पा खिलाता है। पिच पर पड़ते ही गेंद तेजी से आॅफ स्टंप की ओर टर्न लेती है और बल्लेबाजों के लिए उसे भांपना काफी कठिन हो जाता है। टप्पा खाने के तुरंत बाद अगर बल्लेबाज ने इसे समझ लिया तो ठीक नहीं तो गेंदबाज के जाल में फंसना तय है। लेग स्टंप से बाहर टप्पा खाती गेंद को छोड़ने के चक्कर में कई दफा बल्लेबाज को अपने विकेट से हाथ धोना पड़ता है।

Edited by Staff Editor
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