हर खेल कि तरह क्रिकेटर में भी अगर कोई शानदार खिलाड़ी संन्यास लेता है तो उसकी कमी काफ़ी वक़्त तक महसूस होती है। अकसर महान क्रिकेटर के जाने के बाद उनकी जगह युवा खिलाड़ियों को मिलती, इनमें से कई नए खिलाड़ी अपने प्रदर्शन की बदौलत सुर्ख़ियां बटोरते हैं। हर शख़्स ने अपने दौर के क्रिकेटर को खेलते हुए देखा है, ऐसे में जब कोई नया क्रिकेटर मैदान पर आता है तो उसकी तुलना पुरानी क्रिकेटर से की जाती है। हम यहां 8 खिलाड़ियों को लेकर चर्चा कर रहे हैं जो महान क्रिकेटर्स की परछाई हैं।
राशिद ख़ान – शाहिद आफ़रीदी
राशिद ख़ान आईपीएल की 10वें सीज़न के वक़्त सुर्ख़ियों में आए थे। उसके बाद इस फिरकी गेंदबाज़ ने क्रिकेट की दुनिया में तूफ़ान मचा दिया। वो शाहिद आफ़रीदी की तरह गेंदबाज़ी करते हैं और बल्लेबाज़ों पर दबाव बनाए रखते हैं। उनकी गुगली बेहद ख़तरनाक है जिससे बल्लेबाज़ अकसर चकमा खा जाते हैं। यही वजह है कि उन्हें मौजूदा दौर में सीमित ओवर के खेल का सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ कहा जाता है। बल्लेबाज़ी की बात करें तो राशिद मध्य क्रम में बैटिंग करते हैं और कुल स्कोर को अचानक से बढ़ाने की ताक़त रखते हैं। अपनी टीम के लिए रन बनाकर अहम योगदान देते हैं। चूंकि अफ़ग़ान टीम को अब टेस्ट का दर्जा दिया जा चुका है, ऐसे में राशिद ख़ान के पास मौका है कि वो तीनों फ़ॉर्मेट में अपना दबदबा बनाएं।
पृथ्वी शॉ – सचिन तेंदुलकर
हाल में ही हुए आईससीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप में पृथ्वी शॉ ने अपनी बल्लेबाज़ी और कप्तानी से हर भारतीय क्रिकेट फ़ैंस का दिल जीता है। आईपीएल के 11वें सीज़न में दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ़ से खेलते हुए उन्होंने शानदार बल्लेबाज़ी की थी। पृथ्वी शॉ पहली बार तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने घरेलू सर्किट में मुंबई की तरफ़ से खेलते हुए जबरदस्त खेल का प्रदर्शन किया था। अकसर उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर से की जाती है क्योंकि सचिन की तरह उनके करियर की शुरुआत भी छोटी उम्र से हुई है और वो सचिन की तरह ही बल्लेबाज़ी करते हैं। पृथ्वी हर तरह के शॉट लगाने में माहिर हैं। अगर पृथ्वी अपने फ़ॉम को इसी तरह बरक़रार रखें तो वो भविष्य में एक महान खिलाड़ी बन सकते हैं।
क्विंटन डी कॉक – एडम गिलक्रिस्ट
एडम ग्रिलक्रिस्ट साल 2008 में रिटायर हो गए थे। उन्होंने 47.60 की औसत से 5570 रन बनाए थे। उन्होंने विकेटकीपर के रोल को नए सिरे से परिभाषित किया था। वो विश्व में अब तक सबसे बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज़ हैं। गिलक्रिस्ट के बाद हर देश ने उनके जैसे विकेटकीपर की तलाश शुरू कर दी। क्विंटन डी कॉक शायद ऐसे पहले विकेटकीपर बल्लेबाज़ हैं जो गिली जैसा खेल दिखाते हैं। इस बात में कोई शक नहीं कि जो मुकाम डी कॉक ने इतनी छोटी उम्र में हासिल किया है वो क़ाबिल-ए-तारीफ़ है। वो रिटारयमेंट के वक़्त कई रिकॉर्ड्स को हासिल कर चुके होंगे। उनकी फ़िटनेस कमाल की है और वो अपने विपक्षी टीम को संभलने का कोई मौका नहीं देते।
अभिषेक शर्मा – युवराज सिंह
इंडियन प्रीमियर लीग में अकसर अंडर-19 के खिलाड़ी स्टार बनकर उभरते हैं। 17 साल के अभिषेक शर्मा ने दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ़ से आरसीबी के ख़िलाफ़ अपने आईपीएल करियर की शुरुआत की थी। वो ग़ैर परंपरागत शॉट खेलकर सुर्ख़ियां बटोरते हैं। उनके खेलने का तरीका युवराज सिंह से काफ़ी मिलता-जुलता है। वो दिखने में इतने तगड़े नहीं लगते लेकिन वो लंबे शॉट लगाने में माहिर हैं। गेंदबाज़ी की बात करें तो वो बाएं हाथ से स्पिन गेदबाज़ी कर सकते हैं। उन्होंने कई मौक़ों पर किफ़ायती गेंदबाज़ी की है वो ज़रूरी विकेट निकाले हैं। फ़िल्डिंग के मामले में वो इतने ही हुनरमंद हैं जितने कि युवराज सिंह हुआ करते थे।
हसीब हमीद – राहुल द्रविड़
हसीब हमीद ने साल 2016 में 19 साल की उम्र में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी और ऐसा लगता है कि आने वाले वक़्त में वो इंग्लैंड के स्टार खिलाड़ी साबित होंगे। उनके डेब्यू से इंग्लैंड के एलेस्टेयर कुक को एक ओपनिंग पार्टनर मिल गया। एंड्रयू स्ट्रॉस के रिटायरमेंट के बाद इंग्लिश टीम को ऐसे ही खिलाड़ी की ज़रुरत थी। हमीद की बल्लेबाज़ी की तकनीक राहुल द्रविड़ से मिलती-जुलती है। कई बार हामिद को भी इंग्लैंड टीम की दीवार कहा जाता है। वो टीम की जीत में अहम योगदान देते हैं। हांलाकि इस वक़्त उनका फ़ॉर्म थोड़ा अच्छा नहीं है लेकिन आने वाले वक़्त में वो अपनी लय को दोबारा हासिल कर सकते हैं।
ऋषभ पंत – ब्रेंंडन मैकुलम
ऋषभ पंत ताक़वर, बेहतरीन और विस्फोटक बल्लेबाज़ हैं। वो किसी भी तरह की बॉलिंग अटैक को ध्वस्त करने की क़ाबिलियत रखते हैं। ब्रेंडन मैकुलम की तरह पंत को भी कई बल्लेबाज़ी क्रम में आज़माया गया है। जब वो क्रीज़ पर बल्लेबाज़ी करने आते हैं तो उन पर से नज़र हटाना बेहद मुश्किल होता है। ऋषभ ने पहले भी कुछ बेहतरीन पारियां खेली हैं, लेकिन साल 2018 के आईपीएल में उन्होंने अपने खेल को नए स्तर पहुंचा दिया। इस साल उन्हें ‘इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ आईपीएल’ के अवॉर्ड से नवाज़ा गया। वो गेंद को किसी भी दिशा में पहुंचाने का हुनर रखते हैं। वो न सिर्फ़ अपने ताक़त का इस्तेमाल करते हैं बल्कि नए तरह के शॉट का भी ईजाद करते हैं। अगर वो अपने इसी खेल को आगे ले जाते हैं तो इस बाद में कोई शक नहीं कि वो भारत के मुक्कुलम साबित होंगे।
कगिसो रबाडा – डेल स्टेन
ज़बरदस्त पेस, दोनों तरह से स्विंग करने की क़ाबिलियत और सटीक गेंदबाज़ी डेल स्टेन को औरों से अगल पहचान देती है। स्टेन जानलेवा आउटस्विंग गेंद फेंकने में माहिर हैं। उनके जैसा गेंदबाज़ वैसे तो मिलना मुश्किल है लेकिन ऐसा लग रहा है कि कगिसो रबाडा धीरे-धीरे स्टेन की जगह हासिल कर रहे हैं। 20 की उम्र में ही उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी में वो स्पीड हासिल कर ली थी जिसके लिए अच्छे-अच्छे गेंदबाज़ भी तरसते हैं। फ़िलहाल रबाडा टेस्ट रैंकिंग में टॉप के गेंदबाज़ हैं और वो हर फ़ॉर्मेट में प्रोटियाज़ टीम के अहम खिलाड़ी हैं। वो ज़रूरत पड़ने पर अच्छी गेंदबाज़ी भी करते हैं।
शुबमन गिल – विराट कोहली
कुछ क्रिकेट पंडित मानते हैं कि पृथ्वी शॉ को ज़रूरत से ज़्यादा तवज्जो दी जा रही है। उनके मुताबिक शुबमन गिल कहीं बेहतर बल्लेबाज़ हैं। गिल को आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप 2018 में ‘प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट’ के अवॉर्ड से नवाज़ा गया था। उस टूर्नामेंट में गिल की बल्लेबाज़ी का औसत 124 और स्ट्राइक रेट 112.38 का था। उन्होंने केकेआर की तरफ़ से भी अच्छा खेल दिखाया है। शुबमन गिल और विराट कोहली की बल्लेबाज़ी में सामानता दिखती है। दोनों के कई शॉट एक जैसे लगते हैं। गिल के पास ख़ुद को साबित करने के लिए काफ़ी वक़्त है, वो टीम इंडिया का भविष्य हो सकते हैं। लेखक- अनोश सुबावल्ला अनुवादक- शारिक़ुल होदा