गुरुवार को जब भारतीय टीम बांग्लादेश के खिलाफ दूसरा सेमीफाइनल खेलने उतरेगी, तो टीम के एक खिलाड़ी के लिए वो मैच काफी बड़ा होने वाला है। टीम के स्टार बल्लेबाज़ युवराज सिंह अपना 300 वां वनडे खेलेंगे। सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, मोहम्मद अजहरुद्दीन और राहुल द्रविड़ के बाद इस मुकाम पर पहुंचने वाले युवी पांचवें भारतीय होंगे। केन्या में 2000 में करियर की शुरुआत करने वाले पंजाब के इस बल्लेबाज़ ने अपने दूसरे ही मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 80 गेंदों में 84 रनों की पारी खेलकर ना सिर्फ कंगारू टीम को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था, बल्कि उस मैच के बाद वो भारत के नए सितारे भी बने। अपने लंबे करियर में युवी कई यादगार जीत का हिस्सा रहे हैं और बहुत से मैचों में उन्होंने अपने दम पर ही टीम को जीत दिलाई है । फिर चाहे वो 2002 में इंग्लैंड में खेली गई नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में 62 रनों की मैच जिताऊ पारी हो, या फिर 2007 टी20 विश्व कप और 2011 विश्व कप हो युवराज सिंह ने हर एक टूर्नामेंट में अपनी छाप छोड़ी है और इस बात को साबित किया है कि उनसे बड़ा मैच विनर कोई नहीं है। हालांकि किसने इस बात को सोचा होगा कि 2011 विश्व कप के प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट रहे 35 वर्षीय खिलाड़ी अगले पांच सालों में सिर्फ 21 वनडे का हिस्सा बन पाएगा, लेकिन उसे मुकद्दर का खेल कहें या कुछ और युवराज के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। पहले कैंसर से लड़ाई और उसके बाद मैदान में एक बार फिर वापसी कर युवी ने दिखाया कि उन्हें इस खेल से दूर रख पाना बहुत ही मुश्किल है । बाएं हाथ के बल्लेबाज़ के साथ अब उम्र नहीं है और उनकी फील्डिंग भी पहले जैसे नहीं रही है, जिसके लिए उन्हें जाना जाता था और ऊपर से उन्होंने 2013 के बाद से एक भी इंटरनेशनल वनडे नहीं खेला था, तो शायद ही किसी को उम्मीद थी कि युवराज एक बार फिर टीम का हिस्सा बन पाएंगे। लेकिन युवराज ने सबको चौंकाते हुए ना सिर्फ वनडे क्रिकेट में इस साल वापसी की, बल्कि इंदौर में इंग्लैंड के खिलाफ 150 रनों की शानदार पारी खेलकर उन्होंने इस बात को साबित किया कि इस खिलाड़ी ने हार मानना तो सीखा ही नहीं है और जितनी बार सब लोग उन्हें दरकिनार करेंगे, वो उतनी ही बार दमदार प्रदर्शन कर अपने आलोचकों का मुंह भी बंद करेंगे। युवी के लिए बांग्लादेश के खिलाफ होने वाला मैच काफी अहम होने वाला है, क्योंकि इस समय वो अपने करियर के उस पड़ाव पर है कि अगर उन्हें 2019 विश्व कप तक टीम का नियमित हिस्सा बने रहना है, तो उनके लिए हर मैच आखिरी मैच की तरह है और उनके पास अच्छा प्रदर्शन करने के अलावा कोई और विकल्प भी नहीं है। युवराज सिंह निश्चित ही अपने लिए इस बड़े मैच को खास बनाना चाहेंगे और हमेशा की तरह अपने आलोचकों का मुंह बंद करने का तरीका इससे बेहतर क्या होगा। वो एक शानदार पारी के दम पर वो टीम को फाइनल में लेकर जाए, जहाँ उनका सामना चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से हो सकता है, जिन्होंने पहले सेमी फाइनल में घरेलू टीम इंग्लैंड को 8 विकेट से हराया है। वैसे भी युवी एक बड़े मैच के खिलाड़ी हैं और उन्हें बड़े मैच में अच्छा करना आता है।