भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह ने भले ही भारत के लिए 2016 वर्ल्ड टी20 के बाद से कोई मैच नहीं खेला हो, लेकिन उनका मानना है कि वो भारतीय टीम के लिए अभी भी काफी योगदान दे सकते हैं। हाल ही में शादी करने वाले 35 वर्षीय युवराज ने स्पोर्ट्स्टार से 2016 में अपने प्रदर्शन और भारत के लिए दोबारा खेलने के बारे में बातचीत की। आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप, आईसीसी वर्ल्ड टी20 और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाले युवराज सिंह ने वो सभी हासिल किया है जो एक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर पाना चाहता है और वह तीनों खिताबी जीत में भारतीय टीम के सदस्य रहे। मगर उनका मानना है कि वह अभी भी भारतीय क्रिकेट में काफी योगदान दे सकते हैं। युवी ने कहा, 'मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं और मुझे रन बनाने का भरोसा है। मुझे लगता है कि अभी काफी योगदान दे सकता हूं और टीम में दोबारा अपनी जगह बना सकता हूं। मैं वो सब करूंगा जिससे चयनकर्ता प्रभावित हो और अपने खेल का स्तर भी बढ़ाऊंगा। मुझे लगता है कि अभी कुछ वर्षों के लिए मेरे अंदर क्रिकेट बाकी है और मैं भारत के लिए मैच जीतकर इसका भरपूर फायदा उठाना चाहता हूं।' युवराज ने भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली की लंबे प्रारूप में सफलता तथा राहुल द्रविड़ के प्रभाव की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, 'भारतीय टीम ने इस सत्र में जिस तरह खेला वह देखना शानदार रहा। अच्छे विकेट पर टीम ने जबर्दस्त लड़ाई की और टेस्ट मैच जीते। विराट कोहली को इसका काफी श्रेय जाता है जिन्होंने आगे आकर टीम का नेतृत्व किया।' बाएं हाथ के बल्लेबाज ने आगे कहा, 'काफी श्रेय सिस्टम और प्रक्रियाओं को भी जाता है, जिन्होंने हर चीज सही तरीके से की। राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में भारतीय 'ए' टीम ने पिछले कुछ वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया। भारत में काफी प्रतिभा है और खिलाड़ियों के बीच काफी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है।' मेरे क्रिकेट में कोई खराबी नहीं : युवराज पिछले वर्ष रणजी ट्रॉफी में युवराज सिंह ने 84 की औसत से 5 मैचों में 672 रन बनाए थे, जिसमें उनके प्रथम श्रेणी क्रिकेट का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 260 रन शामिल था। अपने सत्र के बारे में बात करते हुए युवराज ने कहा कि वह अपने प्रदर्शन से काफी संतुष्ट हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश के खिलाफ 177 और 76 रन की पारी खेली, जिसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि उनके खेल में कोई खामी नहीं हैं। युवराज ने कहा, 'मेरा काम मैदान पर रहना और रन बनाना है। लाहली में मध्यप्रदेश के खिलाफ खेली पारी मुझे पसंद हैं, जहां मैंने चुनौतीपूर्ण पिच पर रन बनाए। मैंने मैदान के चारो ओर रन बनाए जो सुखद एहसास था। इससे मुझे समझ आया कि मेरे खेल में कोई खराबी नहीं है।