भारतीय टीम के मेंटर बनना चाहते थे युवराज सिंह: एमएसके प्रसाद

भारत के प्रमुख चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने बताया है कि युवराज सिंह इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय और टी20 सीरीज में शामिल किये जाने से पहले भारतीय टीम के मेंटर की भूमिका निभाना चाहते थे। टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में प्रसाद ने बताया कि युवराज से उनकी लंबी बातचीत हुई थी और एक सीनियर खिलाड़ी होने के नाते वो ये भूमिका निभाना चाहते थे। युवराज सिंह को जब भारतीय टीम में वापस शामिल किया गया था तब एमएसके प्रसाद की चयन समिति की काफी आलोचना की गई थी लेकिन युवराज ने अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से सभी आलोचकों को चुप करा दिया। युवराज ने कटक में खेले गए दूसरे एकदिवसीय मुकाबले में 150 रनों की शानदार पारी खेली थी और धोनी के साथ दोहरे शतक की साझेदारी निभाई थी। एमएसके प्रसाद ने बताया कि युवराज को टीम में शामिल करने से पहले सभी चयनकर्ताओं ने उनके खेल को देखा था और उनकी फिटनेस और फॉर्म से सभी संतुष्ट थे। युवराज ने भी चयनकर्ताओं की उम्मीद को गलत साबित नहीं होने दिया और तीन एकदिवसीय मैचों में उन्होंने 201 रन बना डाले। एकदिवसीय सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले युवराज अपने फॉर्म को तीन मैचों की टी20 सीरीज में भी जारी रखना चाहेंगे। मौजूदा फॉर्म को देखते हुए युवराज का इंग्लैंड में होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी में खेलना लगभग तय है। 2000 के आईसीसी नॉकआउट से अपने करियर की शुरुआत करने वाले युवराज एक बार फिर टीम इंडिया के लिए इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करना चाहेंगे। वो 2002 चैंपियंस ट्रॉफी की संयुक्त विजेता टीम के भी सदस्य थे। भारत ने 2013 में भी चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्ज़ा किया था लेकिन युवराज उस टीम के सदस्य नहीं थे। भारत ने 2007 वर्ल्ड टी20 और 2011 एकदिवसीय विश्व कप पर धोनी की कप्तानी में कब्ज़ा किया था और इन दोनों टूर्नामेंट में युवराज सिंह का प्रदर्शन काबिलेतारीफ था। भारत में हुए एकदिवसीय विश्व कप में युवराज को मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट भी चुना गया था।

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