भारतीय टीम से पिछले कुछ समय से बाहर चल रहे ऑलराउंडर युवराज सिंह ने 2019 क्रिकेट विश्व कप में खेलने के संकेत दिए हैं। युवराज ने आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच इस वर्ष की शुरुआत में मार्च में आईसीसी वर्ल्ड टी20 के दौरान खेला था। वह 2011 क्रिकेट विश्व कप के बाद से एक्शन से बाहर रहे और कैंसर से लड़ाई करने के करीब एक से डेढ़ साल बाद क्रिकेट मैदान पर लौटे। युवराज की अनिरंतरता और ख़राब शॉट हर किसी को नजर आने लगे थे और जल्द ही उन्हें राष्ट्रीय टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हालांकि कुछ मैचों के बाद टी20 टीम में उनकी वापसी जरुर हुई, लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ फ्लोरिडा में हाल ही में संपन्न टी20 सीरीज में उन्हें शामिल नहीं किया गया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक युवराज ने कहा, 'मैंने ऑफ सीजन में कड़ी मेहनत की और आगे कोई भी मौका मिले उसे भुनाने की पूरी कोशिश करूंगा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना मेरी प्राथमिकता है। मैं वापसी करना चाहता हूं और अपने देश का प्रतिनिधित्व करना चाहता हूं। उम्मीद करता हूं ऐसा होगा। जब दो से तीन वर्ष बाद मैं संन्यास लूं तो खुद पर गर्व करूं, ऐसा प्रदर्शन करना चाहता हूं। मेरा लक्ष्य 2019 में 50 ओवर वाला क्रिकेट विश्व कप खेलने का है।' चंडीगढ़ के युवी इस समय दिलीप ट्रॉफी खेल रहे हैं और टीम में वापसी की कोशिशों में जुटे हैं। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 2007 आईसीसी वर्ल्ड टी20 और 2011 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप विजेता भारतीय टीम में अहम भूमिका अदा की थी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी वापसी के बारे में बात करते हुए युवी ने कहा, 'अगर आप अपनी क्षमता के अनुरूप सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे तो जरुर आपको मौका मिलेगा।' बता दें कि पहली बार दिलीप ट्रॉफी लाइट्स में गुलाबी गेंद से खेला जा रहा है। 2007 आईसीसी वर्ल्ड टी20 में एक ओवर में लगातार 6 छक्के जड़ने वाले युवी ने 40 टेस्ट खेले हैं और वह डे/नाईट घरेलू मैचों को लेकर काफी उत्साहित भी हैं। इस मामले पर अपने विचार प्रकट करते हुए युवराज ने कहा, 'यह बहुत उत्साहजनक है। टेस्ट क्रिकेट में इस पर गौर किया जाएगा। गेंद की चमक जल्दी नहीं जाती, इसलिए यह ज्यादा समय तक नई रहती है। स्पिन वाली परिस्थितियों में गुलाबी गेंद का परिक्षण होना बाकी है। अब देखते हैं कि इसका क्या परिणाम निकलेगा। मगर लाइट्स के नीचे खेलना उत्साहजनक है।'