भारतीय स्पिन गेंदबाज युजवेंद्र चहल ने इन दिनों फील्डिंग के दौरान चश्मा लगाना शुरू कर दिया है। रविवार को जोहान्सबर्ग में खेले गए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 मैच में वह चश्मा लगा फील्डिंग करते दिखे। एक राष्ट्रीय अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक चहल के पिता ने बताया है कि ''दक्षिण अफ्रीका दौरे पर जाने से पहले, मेरे बेटे को कभी-कभी चश्मा पहनने की सलाह (नेत्र विशेषज्ञ द्वारा) दी गई थी। वह गेंदबाजी या बल्लेबाजी करते समय तो नहीं, मगर सिर्फ फील्डिंग के समय चश्मा लगाता है। उसकी आंखें कमजोर नहीं हैं मगर जब वह नई नौकरी के लिए ज्वाइन करने गया तो सरकारी मेडिकल टेस्ट्स के दौरान उसे ऐसा करने की सलाह दी गई थी। इसलिए चहल डॉक्टर की सलाह को ध्यान में रखते हुए देखभाल के तौर पर चश्मा पहनना शुरू कर दिया है।" चहल का आयकर कमिश्नर पद पर चयन हुआ है और वह इस दौरे (दक्षिण अफ्रीका) से लौटते ही दिल्ली में नौकरी ज्वाइन कर लेगा।” वर्तमान टीम में चहल ही एकमात्र खिलाड़ी हैं जो मैदान पर चश्मा लगाते हैं। मैदान के इतर कप्तान विराट कोहली और विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी भी कभी-कभार चश्मा लगाए देखे गए हैं। खेल के दौरान कुछ ही खिलाड़ी ऐसे हुए हैं जिन्होंने चश्मे का इस्तेमाल किया है। हालांकि कुछ खिलाड़ी तो बल्लेबाजी करते हुए चश्मा लगा चुके हैं। इस लिस्ट में भारत के वीरेंदर सहवाग, वेस्टइंडीज के दिग्गज कप्तान क्लाइव लॉयड का नाम शामिल है। इसके अलावा एडी बार्लो, एमजेके स्मिथ, वाल्टर हैडली (रिचर्ड हैडली के पिता) और जेफ बायकॉट भी चश्मा लगाते रहे हैं। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली भी मैदान से बाहर चश्मा लगाते थे। गेंदबाज की ओर नज़र डाली जाए तो न्यूजीलैंड के दिग्गज स्पिनर डेनियल विटोरी और शुरुआती समय में अनिल कुंबले भी खेलते समय चश्मा इस्तेमाल करते थे। 20 फरवरी को जारी हुई आईसीसी वनडे रैंकिंग में युजवेंद्र चहल ने बड़ी छलांग लगाई है। गेंदबाजों की रैंकिंग में चहल 21वें स्थान से उपर उठते हुए सातवें पायदान पर पहुंच चुके हैं।