कानपुर में अपने राज्य के साथी अधिक अनुभवी खिलाड़ी अमित मिश्रा पर तरजीह मिलने के बाद युजवेंद्र चहल ने प्रभावी प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम में अपनी जगह पुख्ता करने के संकेत दिए। 26 वर्षीय चहल नागपुर में होने वाले दूसरे टी20 अंतर्राष्ट्रीय से पहले विश्वास से लबरेज हैं और उन्होंने इंग्लैंड की बल्लेबाजी इकाई पर नियंत्रण हासिल करने की अपनी योजना तैयार कर ली है। चहल ने कहा, 'मेरा लक्ष्य स्टंप टू स्टंप गेंदबाजी करना है। यह परिस्थिति और विकेट पर आधारित है। जब मैं गेंदबाजी करने आता हूं तो देखता हूं कि मैदान का कौनसा हिस्सा बड़ा है। बड़े मैदान से काफी फर्क पड़ता है क्योंकि आप गेंद को फ्लाइट करा सकते हैं। जब मैदान बड़ा होता है तो बल्लेबाज भी सोचता है कि किस गेंद पर प्रहार करना है। छोटे मैदान में बल्लेबाज हर गेंद को बाउंड्री पर भेजने के लिए लालायित रहता है।' अपने और अमित मिश्रा की गेंदबाजी में फर्क के बारे में चहल ने बताया, 'मिशी भैया गेंद को ज्यादा टर्न कराते हैं। मैं उतना गेंद को टर्न नहीं कराता। मेरी गेंद में गति ज्यादा रहती है, मेरा ध्यान लाइन और लेंथ पर ज्यादा रहता है।' दिग्गज अमित मिश्रा, चहल और जयंत यादव जैसे खिलाड़ियों की मदद से हरियाणा ने स्पिन विभाग में भारतीय टीम को नए विकल्प दिए हैं। चहल को इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज के पहले मैच में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला था। हालांकि, परवेज़ रसूल ने टी20 में डेब्यू करते हुए इयोन मॉर्गन का विकेट लिया, लेकिन उन्होंने 32 रन खर्च किये जो भारत के लिए कम स्कोर वाले मैच में काफी भारी साबित हुआ। अगर टीम प्रबंधन ने दूसरे मैच में अमित मिश्रा को शामिल करने का फैसला किया तो रसूल को जगह खाली करना पड़ सकती है। नागपुर में टीम संयोजन के पूछने पर चहल शांत रहे। हालांकि उन्होंने यह संकेत जरुर दिए कि पिछले मैच में उन्होंने और रसूल ने अच्छा प्रदर्शन किया था। मगर लेग स्पिनर ने यह जरुर स्वीकार किया कि कानपुर में खचाखच भरे स्टेडियम में वह थोड़े से घबराए हुए जरुर थे।