भारतीय कोच रवि शास्त्री ने कहा था कि अगर टीम में खेलना है तो यो-यो टेस्ट पास करना जरुरी है। इसी क्रम में पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान ने भी अपनी राय देते हुए कहा है कि यो-यो टेस्ट थोड़ा कठिन होना चाहिए। उन्होंने अन्य देशों के मुकाबले भारतीय टीम के लिए बनाए गए टेस्ट के मानक सरल बताए हैं। पीटीआई से बातचीत करते हुए जहीर ने कहा कि भारतीय टीम के लिए सेट किये गए यो-यो टेस्ट के मानक मुझे अन्य देशों की तुलना में सरल लगते हैं। अगर एक खिलाड़ी इसे प्राप्त नहीं कर पाता है तो कोई समस्या है। लम्बा से लम्बा मानक भी तय किया जाना चाहिए। टॉप खिलाड़ियों और जूनियर खिलाड़ियों के लिए मानक समान हों तो कोई मसला नहीं है। यह टीम को फिट रखने का तरीका है, विराट और टीम मैनेजमेंट टीम की भलाई के लिए ऐसा कर रहे हैं। हालांकि जहीर खान ने भारतीय टीम के लिए अपनाए जाने वाले टेस्ट को थोड़ा कम बताया है लेकिन इसके बावजूद टीम के कई खिलाड़ी टेस्ट पास करने में नाकाम रहे हैं। अम्बाती रायडू और मोहम्मद शमी को इंग्लैंड दौरे के समय इस टेस्ट से गुजरना पड़ा था और वे फेल होकर टीम से बाहर हुए थे। इसी तरह संजू सैमसन भी यो-यो टेस्ट पास नहीं कर पाने की वजह से भारत ए की टीम में जगह नहीं बना पाए थे। मोहम्मद शमी ने दोबारा यह टेस्ट दिया और पास होने के बाद उन्हें इंग्लं दौरे की टेस्ट टीम में जगह मिली। जहीर खान से पहले कपिल देव और सचिन तेंदुलकर ने यो-यो टेस्ट की अनिवार्यता को एकमात्र पैमाना मानने से इंकार कर दिया था। उन दोनों ने कहा था कि जो खिलाड़ी मैच के लिए फिट है और अच्छी फॉर्म में है उसे टेस्ट के आधार पर नहीं आंका जाना चाहिए। भारतीय टीम फिलहाल इंग्लैंड में है और 1 अगस्त से पहला टेस्ट मैच शुरू होगा।