भारतीय टीम (Indian Cricket Team) का जिंबाब्वे (Zimbabwe Cricket Team) दौरा शानदार सीरीज जीत के साथ खत्म हुआ। भारतीय क्रिकेट टीम के कई बड़े सितारों ने अपने शुरुआती दिनों में जिंबाब्वे की सरजमीं पर खेल कर ही प्रमुख टीम में अपनी जगह पक्की की है। 6 साल बाद भारतीय टीम के पास एक और मौका था जब काफी समय से भारतीय टीम में जगह बनाने की राह देख रहे कुछ खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक अवसर प्राप्त हुआ।
बल्लेबाजों की बात करें तो इस श्रंखला में शुभमन गिल के अलावा बाकी किसी भी युवा बल्लेबाज को खुद को साबित करने के बराबर मौके नहीं मिले। इस आर्टिकल में आज हम ऐसे ही 3 खिलाड़ियों की बात करेंगे जिन्हें इस दौरे में बदकिस्मती से खुद को साबित करने का बराबर समय नहीं मिला।
आइए जानते हैं उन 3 अनलकी खिलाड़ियों के बारे में जिन्हें इस दौरे पर पर्याप्त मौका नहीं मिला
#1 राहुल त्रिपाठी
31 साल के राहुल त्रिपाठी का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने का इंतजार इस दौरे के बाद भी जारी रहेगा। इस साल आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन की बदौलत उन्हें आयरलैंड दौरे और फिर ज़िम्बाब्वे दौरे की टीम में चुना गया था। इस टीम में संजू सैमसन और दीपक हूडा जैसे बल्लेबाजों के चलते मध्यक्रम में राहुल त्रिपाठी को प्लेइंग इलेवन में मौका मिलना पहले से ही मुश्किल प्रतीत हो रहा था।
वहीं पहले दो वनडे में केएल राहुल के बाद में बल्लेबाजी करने के फैसले से अन्य बल्लेबाजों को उतना मौका नहीं मिला। इसी वजह से मैनेजमेंट ने ज्यादा बदलाव नहीं किये।
#2 ऋतुराज गायकवाड़
आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के चलते ऋतुराज गायकवाड़ को टी-20 फॉर्मेट में नीली जर्सी पहनने का मौका तो मिला मगर अभी भी वह वनडे क्रिकेट मेंअपनी पहली गेंद खेलने की तलाश में हैं। इस दौरे में कई सलामी बल्लेबाजों की मौजूदगी के चलते ऋतुराज गायकवाड़ को पूरी श्रृंखला के दौरान बाहर बैठना पड़ा, जिसके चलते उनका वनडे डेब्यू का सपना एक बार फिर सपना रह गया।
ऋतुराज गायकवाड़ के गेमप्ले के लिहाज से उन्हें वनडे फॉर्मेट के लिए बेहतर माना जाता है और उनका हालिया लिस्ट ए प्रदर्शन यह बात साबित भी करता है। अगर उन्हें सीरीज में मौका मिलता तो निश्चित तौर पर वह अपनी छाप छोड़ने का प्रयास करते।
#3 दीपक हूडा
दीपक हूडा ने इसी साल फरवरी में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे क्रिकेट में अपना पहला कदम रखा था। अब तक उन्होंने छह पारियां खेलते हुए 28.20 की औसत और 85.97 की स्ट्राइक रेट से 141 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका सर्वाधिक स्कोर 33 रनों का है।
जिंबाब्वे दौरा उनके वनडे आंकड़ों को सुधारने का एक बेहतर मौका था मगर पहले दोनों मैचों में बेहद छोटे लक्ष्य के कारण उनके पास एक बड़ी पारी खेलने का मौका नहीं था। ऐसे में उन्होंने तेज खेलने का प्रयास किया और अपना विकेट भी गंवाया। अगर भारतीय टीम शुरूआती दो मैचों में पहले बल्लेबाजी का फैसला लेती तो हूडा को जरूर पर्याप्त समय मिलता और वह बड़ी पारी खेल सकते थे।