ज़िम्बाब्वे के खिलाफ भारतीय टीम ने दबदबे के साथ सीरीज (ZIM vs IND) जीत हासिल की। सीरीज में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद मनिंदर सिंह (Maninder Singh) भारतीय टीम के रूढ़िवादी रवैये से थोड़े निराश हैं।तीन मैचों की वनडे सीरीज में भारत ने पहले दो वनडे बाद में बल्लेबाजी करते हुए बड़ी ही आसानी के साथ अपने नाम किये थे। अंतिम मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी की और जवाब में ज़िम्बाब्वे ने संघर्ष किया लेकिन रोमांचक मुकाबले में मेहमान टीम को 13 रन से जीत मिली। इस तरह भारत ने 3-0 से क्लीन स्वीप करते हुए सीरीज का समापन किया।सोनी स्पोर्ट्स पर चर्चा के दौरान मनिंदर से पूछा गया कि क्या केएल राहुल की अगुवाई भारतीय टीम को केवल अंतिम वनडे के बजाय शुरूआती दो मैचों में भी पहले बल्लेबाजी करनी चाहिए थी। सवाल का जवाब देते हुए पूर्व स्पिनर ने कहा,मूल रूप से इस सीरीज का विचार यही होना चाहिए था। आपने पहले दो टॉस भी जीते, जैसे आज आप जीते और आपने पहले बल्लेबाजी की। आपको कुछ और चुनौती लेनी चाहिए थी क्योंकि सभी जानते थे कि जिम्बाब्वे की यह टीम बहुत मजबूत नहीं है।BCCI@BCCICongratulations to #TeamIndia on clinching the #ZIMvIND ODI series - 10069533Congratulations to #TeamIndia on clinching the #ZIMvIND ODI series 3️⃣-0️⃣ 👏👏💥 https://t.co/hGQlJxHqqJभारत के पास अपने ओपनर्स और गेंदबाजों को परखने का मौका था - मनिंदर सिंहमनिंदर सिंह ने उल्लेख किया कि अगर भारतीय टीम पहले दो मैचों में भी टारगेट सेट करने का फैसला लेती तो इससे बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों की परीक्षा हो जाती। उन्होंने समझाते हुए कहा,अगर वे पहले बल्लेबाजी करते तो शायद उन्हें और फायदा होता, जो थोड़ा निराशाजनक था। कभी-कभी भारतीय ऐसा करते हैं और मुझे लगता है कि ऐसा क्यों है। यह मुश्किल परिस्थितियों में अपने ओपनिंग बल्लेबाजों को परखने का और फिर अपने गेंदबाजों को परखने का मौका था जब हालात बल्लेबाजी के लिए अच्छे हो गए, जो आज हुआ।