अगले साल इंग्लैंड में होने वाले विश्वकप में क्वालीफाई नहीं कर पाने के कारण जिम्बाब्वे क्रिकेट में बड़ा बदलाव हुआ है। कप्तान ग्रेम क्रीमर को पद से हटा दिया गया है। इसके अलावा कोच हिथ स्ट्रिक और अन्य कोचिंग स्टाफ को पद से त्याग पत्र देने के लिए एक समय सीमा दी गई है। 36 सालों में पहली बार जिम्बाब्वे की टीम विश्वकप से बाहर हुई है। ग्रेम क्रीमर को जिम्बाब्वे बोर्ड ने अपने निर्णय से अवगत करा दिया है, वहीँ हिथ स्ट्रिक और अन्य स्टाफ को इस्तीफ़ा देने के लिए समय सीमा बता दी गई है। फैजल हसनैन ने एक ई-मेल भेजकर यह सब स्पष्ट किया है। क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक़ इस मेल में 31 मार्च को 3 बजे तक इस्तीफ़ा देने की मांग की गई है, अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो समय सीमा के बाद उन्हें योग्य मान लिया जाएगा और वे स्वतः बर्खास्त हो जाएंगे। हिथ स्ट्रिक का कार्यकाल अक्टूबर में समाप्त हो रहा है वहीँ सपोर्ट स्टाफ का अनुबंध मई में समाप्त होने वाला है और यह बात सभी जानते हैं। बल्लेबाजी कोच लांस क्लूजनर और गेंदबाजी कोच डगलस होंडो सहित तमाम लोगों को अब पद छोड़ना होगा। जिम्बाब्वे का प्रदर्शन पिछले कुछ समय से काफी खराब रहा है, यही कारण रहा है कि बोर्ड को इस तरह का निर्णय लिया गया है। ऐसा नहीं है कि सीनियर टीम ने ही खराब खेल दिखाया है। अंडर 19 और जिम्बाब्वे 'A' टीम का हाल भी कुछ ऐसा ही है। जिम्बाब्वे में हाल ही में विश्वकप क्वालीफायर मैचों का आयोजन हुआ था जिसमें वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान ने क्वालीफाई कर लिया तथा मेजबान टीम को बाहर का रास्ता देखना पड़ा है। करोड़ों फैन्स को इससे निराशा हुई है तथा इस खेल को देखकर बोर्ड ने कुछ परिवर्तन अहम समझे थे और इसकी कवायद शुरू करने की दिशा में कदम भी उठा दिया है।