जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड के लिए मुश्किल की स्थिति बनी हुई है क्योंकि खिलाड़ियों ने 25 जून तक की अवधि तक बकाया वेतन और अन्य भुगतान करने को कहा है। ऐसा नहीं होने पर ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ टी20 त्रिकोणीय सीरीज का बहिष्कार करने की धमकी भी दी है। पिछले श्रीलंका दौरे के समय से खिलाड़ियों के 3 महीने की सैलरी और मैच फीस का भुगतान नहीं हुआ है। जिम्बाब्वे क्रिकेट के एक प्रवक्ता के अनुसार इस मामले को जल्दी निपटाने के लिए चीजें चल रही है। मुश्किल हालात चल रहे थे उनमें वित्तीय व्यवस्था भी एक है इसलिए खिलाड़ियों और स्टाफ का भुगतान करने में देरी हो गई। या मसला प्राथमिक है इसलिए जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड इसके जल्दी ही समाधान खोजने में लगा हुआ है। खिलाड़ियों से जिम्बाब्वे क्रिकेट के चैयरमैन ने वादा किया है कि इस सप्ताह खिलाड़ियों के भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जिम्बाब्वे के एक खिलाड़ी के अनुसार हम बिना सोचे गेम देखकर खेले थे लेकिन किसी को नहीं पता था कि मैदान से बाहर हमारे साथ ऐसा होने वाला है। गौरतलब है कि जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम का नया कोच पूर्व भारतीय खिलाड़ी लालचंद राजपूत को बनाया गया है। इससे पहले राजपूत अफगानिस्तान की टीम जुड़े हुए थे। जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम के साथ इस तरह की चीजें पहली बार नहीं हुई है बल्कि यह सिलसिला लम्बे समय से चला आ रहा है। लगभग 2 दशक से खिलाड़ियों और बोर्ड में खींचतान चलती रही है। 2008 से पहले जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम राजनीतिक दखलअंदाजी के चलते कई खिलाड़ियों के करियर तबाह हो गए थे, इसके बाद करीबन 4 साल तक स्थिति ठीक रही। 2012 से वित्तीय अनियमितताएं, खिलाड़ियों की सैलरी भुगतान जैसी समस्याओं ने फिर से डेरा डाल दिया। ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के साथ त्रिकोणीय सीरीज 1 जुलाई से शुरू होनी है। इसके बाद पाक टीम के साथ पांच एकदिवसीय मैचों की सीरीज भी आयोजित होनी है।