श्रीलंका दौरे पर जिम्बाब्वे के शानदार प्रदर्शन के बाद एक और अच्छी खबर यह है कि उनके खिलाड़ी ब्रेंडन टेलर और काइल जार्विस की राष्ट्रीय टीम में वापस आने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। अगर उनके और बोर्ड के बीच सकारात्मक बातचीत रहती है, तो ऐसा होता नजर आ सकता है। इस टीम ने श्रीलंका को वन-डे सीरीज में हराकर इतिहास रचा है। नॉटिंघमशायर और लंकाशायर की तरफ से काउंटी क्रिकेट खेलने वाले जिम्बाब्वे के खिलाड़ी ब्रेंडन टेलर और जार्विस ने प्रबन्धन से तंग आकर अपने देश की टीम को छोड़ दिया था। तावेंग्वा ने जिम्बाब्वे क्रिकेट के नए अध्यक्ष के रूप में जब से कुर्सी संभाली है, तब से स्थिति बेहतर होती नजर आ रही है। उनके कार्यकाल में ब्रेंडन टेलर की राष्ट्रीय टीम में वापसी की संभावना एक बड़ी सफलता हो सकती है। जिम्बाब्वे क्रिकेट में शानदार क्रिकेटर के रूप में उभरकर आए ब्रेंडन टेलर ने 2011 और 2015 विश्वकप में लगातार शतक जमाए हैं। इसके बाद उन्होंने काउंटी क्रिकेट की तरफ रुख कर लिया। अगले महीने आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर इस देश में विश्वकप 2019 क्वालीफायर्स मैचों की व्यवस्थाओं का जायजा लेने जाने वाले हैं, ऐसे में चीजों में सुधार आने की प्रबल सम्भावनाएं माने जा सकती है। जिम्बाब्वे के खिलाड़ी सिकंदर रजा ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत में बताया कि पूर्व कप्तान हित स्ट्रिक और तातेंदा तैबू प्रबन्धन में चुके हैं और नए मैनेजिंग डायरेक्टर ने भी काफी सकारात्मक रुख दिखाया है। हालांकि जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड को इन दोनों खिलाड़ियों को वापस लाने के लिए भुगतान सम्बन्धी चीजें सुधारनी होगी। बोर्ड के पास धन की कमी के चलते ही उन्होंने काउंटी क्रिकेट की तरफ कदम बढाए थे। इससे पहले शॉन एर्विन भी बोर्ड के रडार पर थे लेकिन वे अभी टीम का हिस्सा हैं। टेलर और जार्विन को अगर जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड वापस लाने में सफल हो जाता है, तो इस टीम में और अधिक मजबूती आएगी।