टीम इंडिया के सीमित ओवरों के ज़िम्बाब्वे दौरे का पहला चरण वन-डे सीरीज के समापन के साथ पूरा हो चुका है। मेहमान टीम वन-डे सीरीज के तीनों मुक़ाबलों में हावी रही और ज़िम्बाब्वे का 3-0 से सफाया किया। मेजबान टीम एक भी मैच में 200 रन के आंकड़े को छू नहीं सकी और भारत ने हर बार कम स्कोर के लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया। भले ही इस सीरीज को भारतीय टीम के खिलाड़ियों के संयुक्त प्रयास की जीत माना जाए, लेकिन कुछ व्यक्तिगत प्रदर्शन ऐसे हुए जिससे टीम इंडिया को काफी फायदा मिलना तय है। हम यहां ऐसे पांच खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने भारत की वन-डे टीम के नियमित सदस्य बनने का दावा पेश किया : केएल राहुल लोकेश राहुल का वन-डे बैट्समेन के रूप में उदय भारतीय टीम के लिए ज़िम्बाब्वे दौरे की सबसे बड़ी खोज साबित हुई। कर्नाटक के बल्लेबाज ने 2016 आईपीएल में रॉयल चेलेंजर्स बंगलोर की तरफ से खेलते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिसका उपहार उन्हें भारतीय टीम में चयनित होकर मिला। राहुल ने दोनों हाथों से मौका लपका और सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। उन्होंने तीन पारियों में 196 रन बनाए। दाएं हाथ के बल्लेबाज राहुल वन-डे पदार्पण मैच में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज भी बने। पिछले कुछ समय से यह बातें चल रही हैं कि शिखर धवन बल्ले से संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में राहुल वन-डे मैचों में रोहित शर्मा के आदर्श जोड़ीदार बन सकते हैं। जसप्रीत बुमराह वैसे तो जसप्रीत बुमराह भारतीय टी-20 टीम के नियमित सदस्य हैं ही, लेकिन ज़िम्बाब्वे दौरे पर शानदार प्रदर्शन करने के बाद उन्होंने वन-डे टीम के लिए भी अपना दावा पुख्ता किया है। बुमराह ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए तीन मैचों में कुल 9 विकेट चटकाए, जिसमें दो बार 4-4 विकेट लेना शामिल है। बुमराह का इकॉनोमी रेट भी शानदार रहा जो तीन के अंदर का रहा। मुंबई इंडियंस के तेज गेंदबाज को समझना विरोधी बल्लेबाजों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया था। भारत की वन-डे में सबसे बड़ी समस्या तेज गेंदबाजी है और ऐसे में बुमराह इसका सबसे सटीक जवाब बन सकते हैं। युजवेंद्र चहल 2016 आईपीएल में रॉयल चेलेंजर्स बंगलोर की तरफ से दमदार प्रदर्शन करने के बाद लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल के लिए पदार्पण वन-डे सीरीज भी शानदार साबित हुई। चहल ने तीन मैचों में 6 विकेट लिए और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 25 रन देकर 3 विकेट लेना रहा। 25 वर्षीय लेग स्पिनर की सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने विदेशी परिस्थितियों को समझकर गेंदबाजी की। ज़िम्बाब्वे के बल्लेबाज चहल को समझ नहीं पाएं और लेग स्पिनर ने इसका फायदा उठाते हुए लगातार उनपर दबाव बनाया। फिलहाल रविचंद्रन अश्विन सीमित ओवेरों के प्रारूप में संघर्ष करते दिख रहे हैं, ऐसे में चहल भारतीय स्पिन आक्रमण की धार बढ़ा सकते हैं। बरिंदर सरन बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने हाल ही में सनराईजर्स हैदराबाद के साथ पहला आईपीएल खिताब जीता। उन्होंने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ संपन्न वन-डे सीरीज में भी उम्दा प्रदर्शन किया। सरन ने 3 मैचों में 4 विकेट लिए और 4 से जरा ऊपर की इकॉनोमी रेट से रन खर्च किए। सरन की खास बात यह है कि वह नई गेंद से स्विंग करना जानते हैं। ज़िम्बाब्वे के खिलाफ पहले दो मैचों में सरन ने दोनों तरफ गेंद स्विंग कराकर बहुत प्रभावित किया। 23 वर्षीय सरन भारतीय वन-डे गेंदबाजी आक्रमण में नया मिश्रण जोड़ सकते हैं और उन्हें लंबे कद के कारण भी मदद मिल सकती है। धवल कुलकर्णी 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ पदार्पण करने के बाद धवल कुलकर्णी टीम इंडिया से अंदर और बाहर होते रहे। 2016 आईपीएल में गुजरात लायंस की तरफ से शानदार प्रदर्शन करने के बाद धवल की टीम इंडिया में वापसी हुई। कुलकर्णी ने इस मौके का भरपूर लाभ उठाया। उन्होंने तीन मैचों में 5 विकेट लिए और बरिंदर सरन के साथ शानदार ओपनिंग बोलिंग की जोड़ी बनाई। थोड़ी मददगार पिच पर धवल ने शानदार अंदाज़ मे गेंद स्विंग कराई और भारतीय टीम को जल्दी सफलताएं दिलाई। अपने अनुभव और धारदार गेंदबाजी की बदौलत धवल कुलकर्णी निश्चित ही भारतीय वन-डे टीम में जगह पक्की कर सकते हैं।