आईसीसी ने जिम्बाब्वे क्रिकेट के एक अधिकारी पर क्रिकेट की सभी गतिविधियों से दूर रहने का आदेश देते हुए 20 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। वे जिम्बाब्वे के कप्तान ग्रेम क्रीमर को मैच फिक्सिंग के लिए रिश्वत देने की कोशिश कर रहे थे। हरारे मेट्रोपोलिटन क्रिकेट एसोसिएशन के ट्रेजरार और मार्केटिंग डायरेक्टर राजन नायर पर फिक्सिंग के तीन अलग-अलग चार्ज लगाकर सजा दी गई है।
जिम्बाब्वे के कप्तान क्रीमर ने इस मामले पर आईसीसी को सूचित किया और जांच में सहयोग कर नायर पर कार्रवाई करने में अपना अहम योगदान दिया।
आईसीसी के एंटी करप्शन के कोड 2.1.1 को तोड़ने का अपराध नायर ने मान लिया है। इसके अंतर्गत आप पार्टी होने के नाते खेल को प्रभावित करने या प्रगति में रुकावट डालने तथा परिणाम में परिवर्तन करने आदि चीजें आती है। क्रीमर ने कहा कि खेल के बहुत ज्यादा नजदीक व्यक्ति ने मुझे अप्रोच किया था और इसमें कोई शक नहीं है कि मुझे इसकी रिपोर्ट करना था।
जिम्बाब्वे के कप्तान ने आगे कहा कि हमें इस तरह की शिक्षा दी जाती है और जब ऐसे मामले में सामने आने पर निश्चित रूप से मदद मिलती है। भ्रष्टाचार करने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि आगे से कोई ऐसा करने के बारे में न सोचें और एक अच्छा संदेश जाए। अन्य खिलाड़ियों को इस तरह के व्यक्ति मिलने के बारे में उन्होंने कहा कि वे भी इन मुद्दों पर रिपोर्ट करें। आईसीसी इसको गंभीरता से लेगी और प्रोफेशनली इस पर काम करेगी।
ग्रेम क्रीमर ने मैच फिक्सिंग से जुड़े इस मामले पर काफी सजगता का परिचय देते हुए आईसीसी को सूचना देकर एक सराहनीय कार्य किया है। बीते कुछ सालों में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कई खिलाड़ी फिक्सिंग में लिप्तता के चलते निलंबित हो चुके हैं। उन्होंने इस प्रकार के मामलों में पाक बोर्ड या आईसीसी को सूचित करना भी मुनासिब नहीं समझा था।
Published 27 Mar 2018, 17:57 IST