तेलुगु टाइटन्स के कप्तान राहुल चौधरी के बारे में 10 बातें जो शायद ही आप जानते हों

जब से स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी(पीकेएल) की शुरुआत हुई है, तब से ही तेलुगु टाइटन्स के कप्तान राहुल चौधरी एक स्टार बनकर उभरे हैं। उनका टैलंट और जिस तरह का प्रदर्शन उनका मैट पर रहता है, उससे उत्तर प्रदेश के इस खिलाड़ी ने अपने लाखों फैंस बना लिए हैं। सीजन 1 के बेस्ट रेडर ने सीजन 4 में भी रेडिंग में सबसे ऊपर अपनी जगह बनाई हुई है। राहुल अपनी टीम को पहली बार पीकेएल खिताब जिताने को लेकर बेताब होंगे। आइये नज़र डालते है पीकेएल के पोस्टर बॉय के बारें में 10 बातें, जो सबको जाननी चाहिए। 1- राहुल चौधरी का जन्म 6 जून 1993 को उत्तर प्रदेश के बिजनोर में हुआ। यह उनके बड़े भाई का कबड्डी के लिए प्यार था कि राहुल ने 13 साल की उम्र से ही इस खेल को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया था। 2- अपने माता-पिता के विरोध के बावजूद दोनों भाइयों ने कबड्डी को नहीं छोड़ा। राहुल ने अपना करियर एक डिफेंडर के तौर पर शुरू किया ट्राइल के बाद उन्हें स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने ट्रेनिंग कैंप के लिए गुजरात भेजा। राहुल ने कहा, "शुरुआती दिनों में मुझे मेरे घर से बिल्कुल भी समर्थन नहीं मिला। हमारे पेरेंट्स हम दोनों भाइयों को खूब डांटते थे और हमें पढ़ाई पर ध्यान देने को कहते थे। उसके बाद हमारे गाँव में साई की तरफ से एक ट्राइल हुआ और मेरे चयन उसमें हुआ, उसके बाद मुझे ट्रेनिंग के लिए गुजरात भेजा गया।" 3- गांधीनगर में जाकर राहुल एक रेडर बने और अपनी आक्रमकता को और मजबूत किया। एयर इंडिया से खेलने से पहले, उन्हें आर्मी से खेलने का ऑफर मिला, जिसे उन्होंने नकार दिया। राहुल ने समझाया, " गांधी नगर में अभ्यास करते वक्त, मुझे आर्मी से ऑफर आया, लेकिन उस समय में पूरी तरह से तैयार नहीं था। इसलिए मैं उनकी तरफ से नहीं खेला और आगे जाकर एयर इंडिया का प्रतिनिधितिव किया। 4- तेलुगु टाइटन्स के कोच जे. उदयकुमार ने उन्हें ढूंढा और 2014 में उनको तेलुगु की टीम में चुना। राहुल जोकि हैदराबाद के लिए लगातार चौथा सीजन खेल रहे हैं, उनका पीकेएल करियर शानदार रहा है। उनके नाम 151 रेड्स पॉइंट्स है और उनका सफल होने का रेट भी प्रति मैच 8.79 का है। बिजनोर के इस खिलाड़ी को पहले सीजन में रेडर ऑफ द टूर्नामेंट का अवार्ड से नवाजा गया था। 5- राहुल ने लगातार हर सीजन में सबको प्रभावित किया है, जिसका श्रेय उनकी सफल रेड्स, आक्रमकता और चुस्ती को जाता है। इन सब की बदौलत इस लीग के पहले ऐसे रेडर बनें जिन्होंने 400 रेड्स पॉइंट्स हासिल किए हो, उन्होंने यह मार्क पुनेरी पल्टन के खिलाफ मिली 32-29 की जीत के वक्त हासिल किया। 6- प्रो-कबड्डी के अलावा उन्होंने 2014 में एशियन बीच गेम्स में इंडिया की कप्तानी करते हुए, गोल्ड मेडल दिलवाया। 2016 में हुए साउथ एशियन गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम के हिस्सा थे। 7- उन्होंने 2015 में बेंगलुरु में हुए नेशनल कबड्डी चैंपियनशिप में उत्तर प्रदेश की कप्तानी करते हुए, उन्हें गोल्ड मेडल तक लेकर गए। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश ने आज तक नेशनल कबड्डी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल नहीं जीता था, हम कई बार ब्रॉज मेडल जीत चुके थे। मैंने यूपी की कप्तानी करते हुए, उन्होंने उनका पहला खिताब जीताया। यह एक अलग ही फीलिंग थी।" 8- उन्होंने अक्सर यह बात कही है कि उनका सबसे बड़ा लक्ष्य एक कबड्डी प्लेयर के तौर पर अर्जुना अवार्ड जीतना। राहुल को यह भी उम्मीद है कि कबड्डी एक दिन ओलंपिक का हिस्सा जरूर बनेगा और वो उस टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं। 9- पीकेएल के अलावा, 23 वर्षीय खिलाड़ी में और भी टैलंट है। उन्होंने हाल में एक म्यूजिक वीडियो में काम किया( दिल मेरा, राज लंबा द्वारा बनाई गई)। म्यूजिक वीडियो के बारें में राहुल ने कहा, "मैंने उन्हें कहा था कि शूटिंग के समय ज्यादा क्राउड़ नहीं होना चाहिए, ताकि में रिलेक्स होकर काम कर सकु। आखिरकार वो वीडियो अच्छी बनी

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10- राहुल चौधरी को पुराने गाने और तैराकी काफी पसंद है। उनका कहना है कि उन्हें इससे काफी मजबूती मिलती हैं।