जब इस साल प्रो कबड्डी लीग शुरू हुई थी तब पुणे के कोच ने ये माना था कि रविंदर पहल का फॉर्म चिंता का विषय है और अगर ज़रूरत पड़ी तो वे पहल की जगह किसी और खिलाड़ी को टीम में जगह देना चाहेंगे। पर जैसे जैसे सीजन ने प्रगति की, हमने देखा कि रविंदर पहल भी बढ़ते गए। एक के बाद एक लगातार हर मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए पुणे की सेमी-फाइनल में जगह पक्की करने में पहल का अहम योगदान रहा। पहल के टूर्नामेंट में 37 टैकल पॉइंट्स रहे। राईट कार्नर से खेलते हुए उनकी शुरुआत ज़रूर धीमी हुई थी पर टूर्नामेंट के ख़तम होते-होते पहल ने कुछ ज़बरदस्त टैकल्स का मुजायरा पेश किया। आलोचक उनकी इनकंसिस्टेंट फॉर्म को चिंता का विषय ज़रूर बताते हैं पर कोच बलवान सिंह सिर्फ इनकी शानदार रक्षात्मक क्षमता के आधार पर ही इन्हें टीम में रखने का रिस्क उठा सकते थे।