भारतीय खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया की अनुभवहीनता को बखूबी भुनाते हुए,एक बार नहीं, कई-कई बार ऑस्ट्रेलियाई टीम को ऑलआउट किया जिससे उनका पक्ष कमज़ोर होता गया। पांचवे मिनट में ही पहला ऑलआउट देखने को मिला और उसके साथ ही भारत ने अपनी लीड 10-0 कर ली थी। जैसे -जैसे खेल प्रगति करता गया, भारतीयों की झोली में अंक भी बढ़ते गए और अनूप कुमार और कम्पनी के लिए दूसरे ऑलआउट का मौका 11वें मिनट में आया जिसके बाद मेजबान टीम के पक्ष में स्कोर 20-2 का था। ऑलआउट्स का सिलसिला यहीं ख़त्म नहीं हुआ, ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को दुसरे हाफ के शुरुआत में ही तीसरा ऑलआउट भी झेलना पड़ा और भारतीय टीम का स्कोर 30 अंकों की बढ़त के साथ 37-7 तक जा पहुंचा। जहाँ भारत पर कोरिया के खिलाफ अपने पहले मैच में अंत तक दबाव रहा था, इस मैच में भारत ने ये सुनिश्चित किया कि लीड-अंकों का फासला कम न होने पाए, और इस मैच में सोची समझी रणनीति के साथ शांत चित्त से भारत ने गेम की पेस को धीमा किया। चौथा और अंतिम ऑलआउट 36वें मिनट में देखने को मिला जिसके साथ स्कोर 49-15 हो गया, यहाँ से ऑस्ट्रेलिया का खेल में वापस आना नामुमकिन था।