कबड्डी वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत ने ईरान को 38-29 के अंतर से हरा कर विश्व विजेता का खिताब अपने पास ही रखा, जहां वो पहले हॉफ टाइम ब्रेक में ईरान से 5 पॉइंट से पीछे चल रहे थी, वहीं मुकाबले के अंत तक भारत ने अपने अच्छे खेल के बल पर वापसी करते हुए पूरी बाजी पलट दी। मुकाबला खत्म होने के बाद भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान ने उनके रिटायरमेंट की रणनीति सहित इस मैच के सभी पहलुओं पर हमसे बातचीत की। उन्होंने बातचीत की शुरुआत अपने जाने-माने अंदाज में की। वे एक मजाक पसंद ठेठ नौजवान हैं। हमने उनसे उनके ही अंदाज में पहला सवाल किया, कि वर्ल्ड कप की ट्रॉफी कितनी भारी थी। आइये जानते हैं क्या कुछ कहा अनुप ने अपने पूरे इंटरव्यू के दौरान... सवाल - अनुप विश्व कप जीतने की बधाई, कितनी भारी थी ये वर्ल्ड कप की ट्रॉफी? अनुप कुमार- (हंसते हुए) ये वर्ल्ड कप की ट्रॉफी थी, कोई फर्क नहीं पड़ता कितनी भी भारी हो हमें तो उठानी ही थी। सवाल- कोच ने हॉफ टाइम के बाद क्या कहा कि टीम ने इस तरह का कम बैक किया? हॉफ टाइम के बाद पूरे कैंप का मूड़ कैसा था? अनुप कुमार- उन्होंने ब्रेक के दौरान हमरा उत्साह बढ़ाया जबकि ईरान हमसे 5 पॉइंट आगे था। उन्होंने हमको शांत रहने की सलाह दी और अपने हाथों का इस्तेमाल करने को कहा। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी मत करो तुम लोगों में जीतने की खासियत है, पर हमें लक्ष्य की प्राप्ति के लीए ठंडे दिमाग से काम लेना होगा। कोच ने शांत रहने को कहा और हमने दूसरे हॉफ में बिलकुल वैसा ही किया। सवाल - घर में खेलने का कितना दबाव था जब आप हॉफ टाइम तक 5 पॉइंट पीछे थे। अनुप कुमार- हम पर बिलकुल दबाव नहीं था जैसा कि कोच ने सबको बिना दबाव के खेलने को कहा था। सवाल- आप ऐसे कई मैचों के हिस्सा रह चुके हैं जिनमें नतीजा आखिरी के 5-10 मिनट में आया। आज की इस जीत ने आपका अनुभव कितना बढ़ाया? अनुप कुमार- अनुभव हमें बहुत मदद करता है और वहां सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि पूरी टीम और कोच थे जो हमें बाहर से गाइड कर रहे थे। मैं उन योजनाओं को मैट पर लागू कर रहा था, जो वे हमारे लिये बना रहे थे। जब हम खेल रहे थे मैदान में टेम्पो बहुत हाई था और कोच हमें बार बार संदेश भेज रहे थे और मैं टीम से उसका पालन करने को कह रहा था और नतीजतन हम मैच जीत गये। सवाल - आप अपने रिटायरमेंट की अफवाहों के बारे में क्या सोचते हैं। अनुप कुमार- मैं रिटायर नहीं हो रहा हूं, कोई गलतफहमी हुई है। और प्रेस में गलत चीजों छपी। मैं पहले भी स्पष्ट कर चुका हूं और दोबारा कहता हूं कि मैं रिटायरमेंट के मूड में नहीं हूं और अपने देश के लिए लंबे समय तक खेलना चाहता हूं। सवाल- पिछला कबड्डी विश्व कप 9 साल पहले हुआ था, क्या आप सोचते हैं कि इसे और जल्दी होना चाहिए? अनुप कुमार- यह दुख की बात है कि इतना बड़ा टुर्नामेंट 9 सालों में हो रहा है। जहां तक मुझे जानकारी है अब ये हर दो साल में होगा। ये कबड्डी के लिए बहुत अच्छी बात है। इससे खिलाड़ियों को बहुत फायदा होगा। और अच्छे खिलाड़ियों को अपने देश के लिए खेलने का मौका मिलेगा। सवाल- आप इस मैच की एशिया कप 2014 से कैसे तुलना करेंगे जहां आप ईरान के खिलाफ आखिरी समय में ऐज आउट हुए थे? अनुप कुमार- हमने एशियन गेम्स के दौरान एक कठिन मैच खेला था। यह मैच उतना कठिन नहीं था। हम चैंपियन हैं और हमेशा चैंपियन की तरह खेलते हैं और आगे भी खेलते रहेंगे। एशियन गेम्स में अंत तक मुकाबला बराबरी का था। और आज हॉफ टाइम तक उनके पास 5 अंकों की बढ़त थी। कबड्डी में पहले हॉफ के बाद 10 पॉइंट की बढ़त भी कुछ नहीं है। कोच में हम में विश्वास भरा और अजय भी बहुत अच्छा खेल रहे थे। तो हमें खुद पर जरा भी संदेह नहीं था। सवाल- आप जनता के लिए कुछ कहना चाहते हैं? अनुप कुमार - जनाता 100% हमारे पीछे सपोर्ट में हमेशा रहती है। और इसी वजह से हमारी जीत हुई। सवाल- पहली बार अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी प्रो कबड्डी के नियमों के साथ खेली गई जैसे डू और डाई रेड्स ये ट्रांजीश्न बनाने के लिए कितान मुश्किल था? अनुप कुमार - हां ये सही बात है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार नियम बदले गए, लेकिन हम इन नियमों के साथ पिछले 4 सालों से प्रो कबड्डी में खेल रहे हैं। और इसी लिए हमें एडजस्ट करने कोई दिक्कत नहीं हुई। सवाल- आप भारतीय कबड्डी के इस ऐतिहासिक दिन के बारे में क्या कहना चाहेंगे? अनुप कुमार- आज की जीत इतिहास के पन्नों में लिखी जायेगी। अब हम लोगों को वर्ल्ड चैंपियन कहकर बुलाया जायेगा।