स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी की सबसे अच्छी बात यह है कि उसने कई विदेशी खिलाड़ियों को भारतीय प्रशंसकों के सामने अपनी प्रतिभा दर्शाने का शानदार मौका दिया। बता दें कि भारत में ही कबड्डी की खोज हुई थी। विदेशी खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन करके अपनी-अपनी टीमों का अतुल्नीय हिस्सा बने, और यह साबित किया कि पीकेएल वैश्विक लीग है। पीकेएल का चौथा संस्करण विशेषतौर पर काफी अहम साबित हुआ क्योंकि पहली बार विदेशी खिलाड़ी ने भी टूर्नामेंट का अहम अवॉर्ड हासिल किया। फजल अत्राचली ने पटना पाइरेट्स के लिए शानदार डिफेंडर की भूमिका अदा की और सत्र के सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर बने। इससे अन्य विदेशी खिलाड़ियों को भारत में अपनी चमक बिखेरने के लिए जरुर प्रेरणा मिलेगी। यहां स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी सीजन 4 के 5 सर्वश्रेष्ठ विदेशी खिलाड़ियों के बारे में जानते हैं : 5. अबोल्फजेल मघ्सोडलो - ईरान (पटना पाइरेट्स) विजेता पटना पाइरेट्स में तीन ईरानी खिलाड़ियों के बीच सबसे कम ख्याति बनाने वाले रहे अबोल्फजेल मघ्सोडलो। उन्हें शुरुआत के सभी मुकाबलों में खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन जितना भी समय उन्होंने मैट पर बिताया उतने समय में उन्होंने अपनी उपयोगिता दर्शायी। उन्होंने 13 मैचों में शिरकत की और सभी 25 अंक रेड के द्वारा हासिल किए। 18 रेड के साथ उनकी औसत प्रति मैच दो सफल रेड हासिल करने की रही जो पीकेएल 4 में सीमित मौके मिलने के लिहाज से अच्छी हैं। जब पटना के प्रमुख रेडर परदीप नरवाल को आराम दिया गया तब अबोल्फजेल मघ्सोडलो ने शानदार प्रदर्शन करके सबको प्रभावित किया। उन्होंने दिल्ली में तेलुगु टाइटन्स के खिलाफ अपने खेल के कौशल को साबित किया। परदीप की जगह भरना 23 वर्षीय अबोल्फजेल मघ्सोडलो के लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने 9 अंक बनाकर अपनी उपयोगिता साबित कर दी। हालांकि उनकी टीम यह मैच नहीं जीत सकी, लेकिन ईरानी खिलाड़ी ने अपनी पहचान बना ली। 4. मेराज शेख - ईरान (दबंग दिल्ली) ईरान के सिस्तान के कबड्डी से ताल्लुक रखने वाले मेराज शेख के खेल में नैसर्गिक प्रतिभा झलकती है। तेलुगु टाइटन्स से दबंग दिल्ली में आसान ट्रांसफर के जरिये पहुंचे मेराज ने अपने दम पर कई बार दिल्ली को संकट की घड़ी से उबारा। ऑलराउंडर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास मौजूदा चैंपियन पटना पाइरेट्स के खिलाफ मैच में देखने को मिले। अपनी आक्रामक रेड और डिफेंस की तकनीक के चलते उन्होंने कुल 11 अंक हासिल किए। दिल्ली अंक तालिका में शीर्ष पर चलने वाली पाइरेट्स के खिलाफ जीत के बहुत नजदीक थी, लेकिन करीबी मुकाबले में उसे 31-32 से शिकस्त झेलना पड़ी। एक कप्तान के रूप में उन्होंने टीम को ऑलआउट होने से बचाया और टीम को 29वें मिनट तक मैच में बरकरार रखा। इससे पहले भी 28 वर्षीय अपना जलवा दिखा चुके हैं। पूर्व चैंपियन और पीकेएल4 की रनर्स-अप जयपुर पिंक पैंथर्स के खिलाफ उन्होंने 11 अंक लेकर टीम को शर्मनाक हार 22-24 से बचाया। मेराज ने सत्र का अंत 63 रेड अंकों के साथ किया जिसकी मदद से वह लीडरबोर्ड पर 10वें स्थान पर रहे जबकि विदेशी खिलाड़ियों की सूची में शीर्ष स्थान पर रहे। 3. हादी ओष्टोरक - ईरान (पटना पाइरेट्स) अगर प्रो कबड्डी लीग सीजन 4 के फाइनल में जयपुर पिंक पैंथर्स की उम्मीदों को डिफेंस में चकनाचूर करने वाला पटना पाइरेट्स का कोई खिलाड़ी रहा तो वो और कोई नहीं बल्कि ईरान के 24 वर्षीय हादी ओष्टोरक रहे। चैंपियन टीम के नियमित दाएं कॉर्नर डिफेंडर नहीं होने के बावजूद उन्होंने अपने हमवतन फजल अत्राचली के साथ शानदार जोड़ी बनाई और पटना के बड़े मैचों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। अगर परदीप नरवाल ने फाइनल में आक्रमण का नेतृत्व किया तो हादी ने अपनी शानदार पकड़ की बदौलत पैंथर्स को मुकाबले से बाहर कर दिया। उन्होंने दो शानदार सुपर टैकल सहित कुल 5 टैकल अंक हासिल किए। उनकी प्रभावी टैकलिंग ने पटना को सेमीफाइनल में पुनेरी पलटन के खिलाफ भी मुकाबला जिताया। उन्होंने चार महत्वपूर्ण टैकल अंक लिए जिसमें एक सुपर टैकल अंक शामिल था। 2. जेंग कुन ली - दक्षिण कोरिया (बंगाल वॉरियर्स) पीकेएल के चार सत्र पूरे हो चुके हैं और बंगाल वॉरियर्स के जेंग कुन ली का शानदार प्रदर्शन जारी रहा। 2014 में बंगाल से जुड़ने के बाद जेंग टीम के सबसे निरंतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी हैं। इस सत्र में भी उनका प्रदर्शन काबिलेतारीफ रहा। कंधे में चोट के कारण 23 वर्षीय जेंग शुरुआती चरण में पूरी ताकत नहीं झोंक सके, लेकिन जब वह मैट पर होते तो शानदार प्रदर्शन करते। चहेते दक्षिण कोरियाई खिलाड़ी कोलकाता की फ्रैंचाइज़ी में बहुत लोकप्रिय हैं और अपने प्रशंसकों के सामने उनका प्रदर्शन भी शानदार रहा। उनकी गति और फुर्ती से सभी चकित रह गए और उन्होंने अपनी टीम को 'सिटी ऑफ जॉय' में 13 अंक दिला दिए और वह भी तत्कालीन शीर्ष टीम जयपुर पिंक पैंथर्स के खिलाफ। ली ने बेहतरीन प्रदर्शन करके अपनी टीम को पूर्व चैंपियन पर 32-25 की विशाल जीत दिलाई। ली की औसत प्रति मैच भी शानदार है। वह प्रत्येक मैच में लगभग 4.45 सफल रेड करते हैं। 1. फजल अत्राचली - ईरान (पटना पाइरेट्स) पटना पाइरेट्स और पूरे पीकेएल4 के सबसे प्रभावी विदेशी खिलाड़ी निःसंदेह फजल अत्राचली रहे। ईरान के कप्तान को यू मुंबा ने पटना की टीम में जाने दिया और खिलाड़ी ने अपने प्रदर्शन से सभी को चकित कर दिया। मजबूत, चौकन्ने और संसाधनयुक्त अत्राचली प्रमुख कारण रहे कि पटना पाइरेट्स सत्र 3 के अपने खिताब की रक्षा करने में कैसे कामयाब रही। उनके कड़क जांघ और एड़ी को पकड़ने की काबिलियत के सामने कोई रेडर टिक नहीं सका। बाएं कॉर्नर विशेषज्ञ फजल ने कप्तान धर्मराज चेरालाथन के साथ मिलकर विरोधी खेमे के रेडरों की हालत ख़राब कर दी। लीडरबोर्ड पर उनके आंकड़े देखकर यह बात साबित होती है। 45 टैकल अंकों के साथ सभी खिलाड़ियों के बीच उनका सफल टैकल 62.5 प्रतिशत प्रति मैच रहा। उन्होंने 7 सुपर टैकल अंक भी हासिल किए वो भी तब जब टीम गहरे संकट में फंसी हुई थी। इसमें कोई संदेह नहीं कि उन्हें पीकेएल 4 के सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर के अवॉर्ड से नवाजा गया।