पटना पाइरेट्स और पूरे पीकेएल4 के सबसे प्रभावी विदेशी खिलाड़ी निःसंदेह फजल अत्राचली रहे। ईरान के कप्तान को यू मुंबा ने पटना की टीम में जाने दिया और खिलाड़ी ने अपने प्रदर्शन से सभी को चकित कर दिया। मजबूत, चौकन्ने और संसाधनयुक्त अत्राचली प्रमुख कारण रहे कि पटना पाइरेट्स सत्र 3 के अपने खिताब की रक्षा करने में कैसे कामयाब रही। उनके कड़क जांघ और एड़ी को पकड़ने की काबिलियत के सामने कोई रेडर टिक नहीं सका। बाएं कॉर्नर विशेषज्ञ फजल ने कप्तान धर्मराज चेरालाथन के साथ मिलकर विरोधी खेमे के रेडरों की हालत ख़राब कर दी। लीडरबोर्ड पर उनके आंकड़े देखकर यह बात साबित होती है। 45 टैकल अंकों के साथ सभी खिलाड़ियों के बीच उनका सफल टैकल 62.5 प्रतिशत प्रति मैच रहा। उन्होंने 7 सुपर टैकल अंक भी हासिल किए वो भी तब जब टीम गहरे संकट में फंसी हुई थी। इसमें कोई संदेह नहीं कि उन्हें पीकेएल 4 के सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर के अवॉर्ड से नवाजा गया।