स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी में अब तक एक ही क्लब से खेलने वाले पांच सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी

स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी ने देश में इस खेल को नई उचइयां दी है। इस टूर्नामेंट ने खेल को देश में काफी लोकप्रिय बना दिया है। टूर्नामेंट ने खेल को लोगों के बीच मशहूर कर दिया है, जिसका नतीजा यह है कि जनता इस खेल पर ध्यान देने लगी है। इस टूर्नामेंट के देशभर में लाखों-करोड़ो प्रशंसक बन चुके हैं और पसंदीदा टीम का समर्थन करने के लिए स्टेडियम में भी पहुंच रहे हैं। कबड्डी एक टीम खेल है, जिसमें खिलाड़ियों के बीच का तालमेल टीम की सफलता के लिए सबसे अहम हैं। अधिकांश खेल विशेषज्ञों का मानना है कि एक खिलाड़ी अपने बल पर खेल का नतीजा नहीं बदल सकता, लेकिन कुछ ऐसे विशेष खिलाड़ी हैं, जिन्होंने उम्दा प्रदर्शन करके अपनी टीम को अलग स्तर तक पहुंचाया हैं। इन खिलाड़ियों की शैली ने फर्क पैदा कर दिया। टूर्नामेंट के तीन सत्र पूरे हो चुके हैं और चौथा सत्र शुरू हो चुका हैं, लेकिन अब तक ऐसा देखने में कम ही आया है कि प्रमुख खिलाड़ियों की टीम बदली हों। हालांकि कुछ चुनिन्दा खिलाड़ी हैं जो एक ही टीम की तरफ से चौथे सत्र में भी हिस्सा लेंगे। आइए उन पांच खिलाड़ियों पर नजर डालते हैं : #1) अनुप कुमार (यू मुंबा) अनुप कुमार के रूप में कबड्डी ने भारत को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक दिया है। अतुल्नीय प्रतिभा और एकाग्रता के धनी रैडर अनुप ने कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में देश का नाम रोशन किया है। उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। रैडर पहले ही सत्र से यू मुंबा के कप्तान बने हुए हैं और टूर्नामेंट की शुरुआत से ही टीम को कई यादगार जीत दिला चुके हैं। उनके नेतृत्व में यू मुंबा की टीम पहले और तीसरे सत्र में रनर्स-अप रही जबकि दूसरे सत्र में वह विजेता बनी। मुंबा के लिए कप्तान हमेशा ही सबसे प्रमुख खिलाड़ी रहे हैं। कुमार पहले सत्र में सबसे सफल रैडर रहे थे। वह 155 रैड के साथ सर्वश्रेष्ठ रैडरों की सूची में शीर्ष स्थान पर थे। कुमार के लिए दूसरा सत्र भी काफी सफल रहा और 74 रैड के साथ वह सर्वश्रेष्ठ रैडरों की सूची में चौथे स्थान पर रहे व साथ ही टीम को चैंपियन बनाया। तीसरे सत्र में उन्होंने 63 रैड करके टीम को फाइनल तक पहुंचाया। अनुप की विशेषता टो-टच और बोनस अंक लेना है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनमें खेल का नतीजा बदलने की काबिलियत है। अनुप को स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी के इतिहास का सबसे निरंतर और विशेष खिलाड़ी माना जाता है। #2) जसवीर सिंह (जयपुर पिंक पैंथर्स) jasvir-singh-1466853691-800 जसवीर सिंह एक विशेष खिलाड़ी हैं। जयपुर पिंक पैंथर्स के सितारा रैडर और कप्तान अपनी मर्जी से स्कोर करते हैं तथा अपना दिन होने पर विरोधी टीम के लिए उनसे खतरनाक खिलाड़ी और कोई नहीं होता। उन्होंने उद्घाटन सत्र में टीम को चैंपियन बनाने में मदद की थी। उन्होंने खेल की समझ और अपनी फुर्ती से काफी प्रभावित किया था। वह टीम की जरुरत के मुताबिक अपने खेल में परिवर्तन करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने पहले सत्र में 106 रैड अंक हासिल किए थे और पैंथर्स के लिए सबसे सफल रहे थे। दूसरे सत्र में वह 64 रैड अंकों के साथ सर्वश्रेष्ठ रैडरों की सूची में आठवें स्थान पर थे। जसवीर ने टूर्नामेंट में अब तक 32 मैच खेले और 152 सफल रैड लगाई तथा 14 सफल टैकल किए। जसवीर टीम के लिए महत्त्वपूर्ण खिलाड़ी है क्योंकि वह टीम की जरुरत के मुताबिक अपनी जगह बदल लेते हैं। जसवीर सिंह भी अकेले के दम पर मैच का रुख पलटने की काबिलियत रखते हैं। #3) काशीलिंग अडाके (दबंग दिल्ली) kashiling-adake-1466853745-800 काशीलिंग अडाके एक प्रतिभाशाली रैडर है और इस खेल में भारत के उज्जवल खिलाड़ियों में से एक हैं। सिर्फ 23 वर्ष की उम्र में अडाके ने दबंग दिल्ली के लिए दोहरी जिम्मेदारी निभाई है। वह एक सफल रैडर होने के साथ-साथ कप्तान की भूमिका भी बखूबी अदा करते हैं। भले ही टूर्नामेंट में उनकी टीम का प्रदर्शन शानदार ना रहा हो, लेकिन काशी नाम से लोकप्रिय इस खिलाड़ी ने काफी लोगों को प्रभावित किया है। महाराष्ट्र स्थित सांग्ली के काशी तीनों ही सत्रों में शीर्ष 10 रैडरों में शामिल रहे। पहले सत्र में 113 अंकों के साथ वह पांचवे स्थान पर थे। दूसरे सत्र में 100 अंक का आंकड़ा पार करने वाले काशी अकेले खिलाड़ी रहे। तीसरे सत्र में उन्होंने 114 अंक हासिल किए। उन्होंने दबंग दिल्ली की तरफ से 39 मैचों में 235 सफल रैड और 14 टैकल अंक हासिल किए। युवा काशी काफी खतरनाक रैडर हैं और विरोधी टीम के लिए उन्हें रोकना आसान नहीं होता। उनकी प्रतिभा से अधिकांश लोग प्रभावित हैं और वह दिन ज्यादा दूर नहीं जब वह भारत के भी महान कबड्डी खिलाड़ी बनें। #4 राहुल चौधरी (तेलुगु टाइटन्स) rahul-chaudhuri-1466853920-800 राहुल चौधरी पहले सत्र के सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी थे, और निःसंदेह सत्र की खोज थे। स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी की शुरुआत से पहले इस खिलाड़ी को कम ही लोग जानते थे और अब वह तेलुगु टाइटन्स के कप्तान हैं। इसके साथ ही उन्होंने दक्षिण एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वह टूर्नामेंट के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक रहे और तीनों ही सत्रों में शीर्ष पांच रैडर्स में शामिल रहे। तेलुगु टाइटन्स के कप्तान ने पहले सत्र के शीर्ष-10 सर्वश्रेष्ठ रैडरों की सूची में 151 अंकों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया था। पहले स्थान पर अनुप कुमार थे। उन्होंने अपना शानदार प्रदर्शन दूसरे सत्र में भी जारी रखा और 98 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। तीसरे सत्र में 87 अंकों के साथ राहुल चौथे स्थान पर रहे। कुलमिलाकर टाइटन्स की तरफ से 41 मैचों में राहुल ने 336 रैड अंक हासिल किए, जो कि प्रो कबड्डी लीग के इतिहास में किसी भी खिलाड़ी द्वारा हासिल किए सर्वाधिक अंक हैं। काफी लोकप्रियता हासिल कर चुके राहुल से विरोधी टीम सहम कर रहती है और वह अकेले के दम पर मैच का नक्शा बदलने की काबिलियत रखते हैं। वह एक कौशलपूर्ण और प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी हैं, जिससे समझ आता है कि कबड्डी का भविष्य सुरक्षित हाथों में हैं। #5 रिषांक देवाडिगा (यू मुंबा) rishank-devadiga-1466853982-800 स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी के तीनों सत्रों में रिषांक एक ने खुद को एक बेहतर खिलाड़ी के रूप में विकसित किया है। वह यू मुंबा के लिए पहले दो सत्रों में करो-या-मरो- विशेषज्ञ खिलाड़ी थे, लेकिन तीसरे सत्र में वह प्रमुख रैडर बन गए। अनुप कुमार राष्ट्रीय जिम्मेदारी के कारण तीसरे सत्र में ज्यादा नहीं खेलते दिखाई दिए, ऐसे में रिषांक के कंधों पर भार आ गया था, लेकिन उन्होंने जरा भी निराश नहीं किया। वह टीम के प्रमुख रैडर रहे और तीसरे सत्र में टॉप रैडरों की सूची में दूसरे स्थान पर रहे। वह तीसरे सत्र में 100 से अधिक अंक हासिल करने वाले तीन खिलाड़ियों में शामिल रहे। उन्होंने मुंबा के लिए 45 मैचों में 214 रैड व 36 डिफेंस अंक हासिल किए। इस निडर युवा को जिम्मेदारी लेने में कोई दिक्कत नहीं होती और बेहतरीन प्रदर्शन करके वह सबको अपना मुरीद बना लेते हैं, अपना दिन होने पर, रिषांक किसी भी विरोधी टीम की धज्जियां उड़ा सकते हैं।

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications