कबड्डी भारत के प्रचीनतम खेलों में से एक है। यह खेल पूर्ण रूप से स्वदेशी है। जब देश के खिलाड़ी किसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीतते हैं तो यह, उनके विरोधियों के लिए एक तमाचा होता है। भारतीय पुरुष टीम कबड्डी में छह विश्व कप और एशियाई खेलों में 7 स्वर्ण पदक जीत चुकी है। इस खेल में भारतीय खिलाड़ी दृढ़ता से अपनी रक्षा करने तथा आसानी से विपरीत टीम को आउट करने के बाद भी अपने असाधारण स्वभाव में बने रहने के लिए जाने जाते हैं। आखिर कैसे भारत इस खेल में सबसे आगे है? खिलाड़ी किस तरह से अथक मेहनत करके अपने आप को फूर्तीला और ताकतवर बनाए हुए हैं। इसके लिए हमने देश के उन राज्यों का अध्यन किया जहां, सबसे ज्यादा कबड्डी खेली जाती है। यह हैं वो पांच राज्य जहां सबसे ज्यादा कबड्डी खेली जाती है। हरियाणा हरियाणा का सोनीपत भारत में कबड्डी का गढ़ माना जाता है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि PKL के पांचवे संस्करण में हरियाणा राज्य की स्वयं की टीम ने हिस्सा लिया है। आपको बता दे की अनुप कुमार सहित पीकेएल के कई प्रतिष्ठित और सम्मानित खिलाड़ीयों ने अपने कौशल को सोनीपत में ही निखारा है। इस हरियाणवी शहर में कबड्डी का जुनून अद्वितीय है इसे नकारा नहीं जा सकता। हरियाणा उन राज्यों में से है जहां क्रिकेट को बाद में और कबड्डी को पहले महत्व दिया जाता है। अगर भारत कबड्डी विश्व कप और एशियाई खेलों में हावी रहा है तो इसका श्रेय सोनीपत को जाता है। यहां यह खेल लगातार 25 वर्षों से खेला जा रहा है। यहां नई-नई प्रतिभाओं को निखारने और उनका कौशल बढ़ाने के लिए SAI केंद्र भी स्थापित है। हरियाणा के लोग इसे पूरे विश्व में लोकप्रिय बनाने के लिए यूट्यूब चैनल का सहारा लेते हैं। वह हर खेल के लाइव कवरेज के साथ इससे जुड़ी अन्य सामग्री भी इस पर शेयर करते हैं। पीकेएल के पहले चार सीजन में हरियाणा की टीम नहीं थी। जिससे हरियाणा के कबड्डी प्रेमी किसी और राज्य का समर्थन करते थे, लेकिन अब उनके अपने राज्य की टीम मैदान में है अब खेल में और अधिक मजा आयगा। पंजाब पंजाब भारत में खेल के विकास के लिए जिम्मेदार राज्यों में से एक है। पंजाब के क्षेत्र में कबड्डी इनता लोकप्रिय हुआ कि सरकार ने इसे राज्यीय खेल घोषित कर दिया है। पंजाब में आज भी सर्कल स्टाइल कबड्डी की विरासत जारी हैं। ऐंसी कई वेबसाइटें हैं जो इस खेल के बारे में जानकारी देती हैं और युवाओं को इसे खलने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। साथ ही कई सोशल मीडिया पेजेस् और यूट्यूब चैनल के माध्यम से मैचों का प्रसारण किया जाता है। और सरकार द्वारा इस खेल के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया जाता है। पंजाब सरकार, सर्कल स्टाइल वर्ल्ड कप और विश्व कबड्डी लीग जैसे विश्व स्तरीय टुर्नामेंट के साथ करीब 1000 से अधिक स्थानीय टूर्नामेंट का आयोजन कराती है। यह निश्चित रूप से अन्य राज्यों के लिए एक बेंचमार्क है सभी राज्यों को इससे सीख लेनी चाहिए। तमिलनाडु तमिलनाडु ही वह राज्य है जिसने कबड्डी शब्द दिया है। असल में कबड्डी तमिल के शब्द काई-पिडी से बना है जिसका अर्थ होता है हाथ पकड़ना। तमिलनाडु पीकेएल 5 में अपनी अलग टीम लेकर आया है। इस खेल की जड़े भारतीय पौराणिक कथाओं में मिलती हैं। कहा जाता है कि इसी तरह का एक खेल तमिलनाडु में खेला जाता था उसी खेल का आधुनिक रूप कबड्डी है। आपको जानकर हैरानी होगी की चेंगलपेट जैसी जगहों पर पुरे वर्ष टुर्नामेंट का आयोजन किया जाता है जो शाम को देर से शुरू होता है और दूसरे दिन की सुबह तक चलता रहता है। पीकेएल के आने से पूरे राज्य में कबड्डी टूर्नामेंट में भाग लेने वाली टीमों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे राज्य में इस खेल के प्रति लोगों के उत्साह का पता चलता है। आंध्र प्रदेश औऱ तेलंगाना यह वह दो राज्य हैं जो इस खेल को सशक्त रूप से प्रोत्साहित करते हैं और इसे राज्यीय खेल का दर्जा देते हैं। आंध्र प्रदेश में लोकप्रिय शेडगूडू और तेलंगाना में लोकप्रिय कबड्डी ने दोनों राज्यों के युवाओं को इस खेल का एक अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए प्रेरित किया है। इन राज्यों का भौागोलिक स्वरूप भी कबड्डी को अपनाने के लिए आकर्षित करता है क्योंकि खूबसूरत समुद्र तलों पर घरेलू खिलाड़ियों द्वारा इस खेल को खेलने से इसकी रोचकता और बड़ जाती है। इन राज्यों में इंटर स्टेट कबड्डी प्रतियोगिता नियमित रूप से आयोजित की जाती है। जिससे देश को अच्छी प्रतिभाएं मिलती है। इन राज्यों के पुरुष और महिला, दोनों वर्ग के खिलाड़ी अपनी योगता का लोहा मनवा चुके हैं। राज्यों के खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी अलग पहचान बनाई है। नागलक्ष्मी और मंजुला देवी ने स्वर्ण पदग लाने में महत्वपूरर्ण भूमिका निभाई है। खेल के विकास के लिए दोनों राज्यों ने अंतर राज्यीय लीग कराने की मांग की है। हाल ही में आयोजित तेलंगाना प्रीमियर कबड्डी लीग को मिली बड़़ी सफलता के कारण इसकी मांग और तेज हो गई है। महाराष्ट्र जब से महाराष्ट्र ने कबड्डी को अपने राज्यीय खेल घोषित किया है तभी से यह इसे बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कबड्डी को लोकप्रिय बनाने के लिए उसके योगदान को इस बात से जाना जा सकता है कि उसने पीकेएल के सबसे बड़े स्टार क़ाशिलिंग एडाके का उपयोग किया है। महाराष्ट्र ने कबड्डी के लिए 2015 में अपनी लीग शुरू की और पिछले साल महिला कबड्डी के लिए भी लीग की शुरुआत की जो अपने आप में तारीफ के काबिल है। 2015 में मुम्बई में हुई यू मुम्बा चैंपियनशिप की सफलता निश्चित रूप से कबड्डी की लोकप्रियता को बढ़ाने में मदद करेगी और अधिक से अधिक युवाओं को इस खेल के प्रति आकर्षित करेगी।