इंडोनेशिया में खेले जा रहे एशियाई खेलों के पांचवें दिन भारतीय फैंस को एक बहुत बड़ा झटका लगा। पुरुष कबड्डी के सेमीफाइनल में ईरान ने भारत को 27-18 से हराकर सबको चौंका दिया। 28 सालों में लगातार सात स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम पहली बार फाइनल में नहीं पहुंच पाई और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। 1990 से एशियाई खेलों में पुरुष कबड्डी की शुरुआत हुई थी और तब से लेकर 2014 एशियाई खेलों तक भारत ने बिना कोई मैच हारे सारे स्वर्ण पदक जीते थे, लेकिन इस बार ग्रुप स्टेज में भारत को न सिर्फ दक्षिण कोरिया के खिलाफ एशियाई खेलों में पहली हार का सामना करना पड़ा, बल्कि सेमीफाइनल में ईरान के हाथों भी मुकाबला गंवाकर निराश होना पड़ा। भारतीय कबड्डी खिलाड़ियों और भारतीय कबड्डी फैंस को यह हार काफी समय तक याद रहेगी, क्योंकि पुरुष कबड्डी में आज तक कभी भी भारतीय वर्चस्व को चुनौती नहीं मिली थी। दूसरी तरफ भारतीय महिला कबड्डी टीम ने लगातार तीसरी बार एशियाई खेलों के फाइनल में प्रवेश किया। 2010 के एशियाई खेलों से महिला कबड्डी की शुरुआत हुई थी और भारत ने लगातार दो बार स्वर्ण पदक पर कब्ज़ा किया है। कल फाइनल में भारतीय टीम का सामना ईरान से होगा और टीम लगातार तीसरा स्वर्ण पदक जरूर जीतना चाहेगी।
(कबड्डी में बड़ा उलटफेर, ईरान ने भारत को एकतरफा मुकाबले में हराया, ईरान की दोनों टीम फाइनल में और वह इसके हकदार हैं)
(खराब टीम चयन, अतिआत्मविश्वास और फेडरेशन में उथल-पुथल, भारतीय टीम की हार चौंकाने वाली नहीं है, ईरान का शानदार प्रदर्शन)