Asian Games 2023: भारतीय कबड्डी टीम (Indian Kabaddi Team) ने 19वें एशियाई खेलों (Asian Games 2023) में जरूर स्वर्ण पदक जीता, लेकिन इस मुकाबले का अंत काफी ज्यादा विवादित रहा और एक बार फिर लॉबी रूल चर्चा का विषय बना, जिसकी वजह से लगभग एक घंटे तक खेल को रोकना पड़ा।
दरअसल, मैच के 39वें मिनट में भारत और ईरान के बीच स्कोर 28-28 से बराबरी पर था। भारत की तरफ से डू और डाई रेड करने के लिए पवन सेहरावत गए थे। वो अगर इस रेड में पॉइंट नहीं लाते, तो वो आउट हो जाते और बढ़त ईरान को मिल जाती। पवन ने रनिंग हैंड टच करने का प्रयास किया, लेकिन वो बिना किसी डिफेंडर को टच किए लॉबी में चले गए थे। पवन को रोकने के लिए ईरान के डिफेंडर्स भी लॉबी में चले गए थे।
Asian Games 2023 में कबड्डी फाइनल में क्या विवाद हुआ?
इस बीच पवन ने साफ किया कि वो बिना किसी को टच किए लॉबी में गए थे और इसी वजह से उनके साथ-साथ लॉबी में जाने वाले हर खिलाड़ी को उन्होंने आउट घोषित करने की मांग की। यहां से ही पूरा विवाद खड़ा हुआ, क्योंकि रेफरी और अंपायर को नियम अच्छी तरह से पता नहीं था और इसी वजह से वो किसी फैसले तक नहीं पहुंच पा रहे थे।
आपको बता दें कि IKF के नियम (IKF रूलबुक का नियम नंबर 28) के मुताबिक अगर कोई डिफेंडर बिना रेडर को टच किए लॉबी में जाते हैं तो वो सभी डिफेंडर्स आउट हो जाएंगे। यह नियम PKL में भी काफी विवादों में रहा था, लेकिन 9वें सीजन में इसमें बदलाव किया गया था और बताया गया कि अगर रेडर बिना डिफेंडर को टच किए लॉबी में जाते हैं तो रेड वही खत्म हो जाएगी और कोई रेडर के बाद लॉबी में जाने के कारण आउट नहीं होगा।
यहां पर दुविधा इस बात को लेकर थी कि Asian Games में नए नियम लागू होंगे या पुराने नियमों के हिसाब से फैसला लिया जाएगा। पवन सेहरावत और टीम पूरी तरह सुनिश्चित थी कि Asian Games पुराने नियमों के तहत ही खेले जा रहे हैं और इसी वजह से वो ईरानी डिफेंडर्स को आउट करने की मांग कर रहे थे।
रेफरी ने सबसे पहले दोनों टीमों को एक-एक पॉइंट दिया, जिसके बाद पवन सेहरावत ने वीडियो रिव्यू की मांग की। कुछ देर बाद रेफरी ने भारत को तीन और ईरान को एक पॉइंट दिया। मामला यहां पर खत्म नहीं हुआ और ईरान की टीम ने यहां पर विरोध जताया और रेफरी से उनके फैसले को बदलने के लिए कहा। रेफरी ने जज से बात करने के बाद एक बार फिर अपना फैसला बदला और दोनों टीमों को एक-एक पॉइंट दिया।
यह फैसला भारतीय टीम और मैनेजमेंट को पसंद नहीं आया और उन्होंने इसे मानने से इंकार कर दिया। टीम के कप्तान पवन सेहरावत और कोच ई भास्करण ने रेफरी से बात करके अपना विरोध जताया। भारतीय टीम का गुस्सा साफ तौर पर जाहिर था और वो बिल्कुल भी पीछे हटने को तैयार नहीं थे। ई भास्करण ने साफ किया कि अगर नए नियम लागू हैं तो रेफरी ने भारत को तीन पॉइंट्स क्यों दिए। यहां तक कि Amateur Kabaddi Federation of India के सेक्रेटरी जनरल ने भी मामले को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन एक बात साफ थी कि भारतीय टीम अपने फैसले पर कायम थी कि यह उनके पक्ष में ही जाना चाहिए।
अंत में तमाम वीडियो को देखने के बाद आखिरकार भारत को तीन और ईरान को एक पॉइंट दिया गया। निश्चित तौर पर ईरान की टीम इस फैसले से खुश नहीं थी, लेकिन उनके पास और कोई विकल्प नहीं बचा था। इसी के साथ आखिरकार लगभग एक घंटे तक मैच रुकने के बाद एक बार फिर मुकाबला शुरू हुआ और गोल्ड मेडल मैच का नतीजा सामने आया।
भारत ने इतने लंबे ब्रेक के बाद मोमेंटम नहीं खोया और पहले डिफेंस में मोहम्मदरेज़ा शादलू को आउट किया। इसके बाद नवीन कुमार ने भारत के लिए मैच की आखिरी रेड की और इसमें एक टच पॉइंट हासिल करते हुए टीम की जीत को सुनिश्चित किया। इसी के साथ भारत ने 2018 की निराशा को भुलाते हुए आखिरकार 8वीं बार Asian Games में गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
इस पूरी घटना पर नज़र डाली जाए तो जिस तरह का व्यवहार खिलाड़ियों ने किया वो पूरी तरह से खेल भावना के खिलाफ था। जरूर भारतीय टीम नियमों का हवाला दे रही थी, लेकिन इस तरह खेल को इतनी देर तक रोकना अच्छा उदाहरण पेश नहीं करता है। दूसरी तरफ रेफरी को भी हालात पर काबू पाते हुए मैच को जल्द से जल्द शुरू कराना चाहिए था, जिसमें वो नाकाम हुए। साथ ही जिस तरह उन्होंने इतनी बार अपना फैसला बदला, वो दर्शा रहा था कि वो नियम से पूरी तरह वाकिफ नहीं थे और इसी वजह से मामला इतना ज्यादा आगे बढ़ गया।
खैर, अंत में भारत ने गोल्ड मेडल जीता और ईरान को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। यह बात तो साफ है कि गोल्ड मेडल मैच को भारत की जीत या ईरान की हार से ज्यादा इस पूरे विवाद के कारण याद किया जाएगा। आने वाले समय में उम्मीद की जा सकती है कि ऐसा नजारा दोबारा देखने को ना मिले।