चार नई टीमों यानि यूपी योद्धा, तमिल थलाइवाज, हरियाणा स्टीलर्स और गुजरात फार्च्यून जायंट्स के शामिल होने से प्रो कबड्डी लीग अपने पांचवें संस्करण में कई नई ऊंचाईयों को छूने जा रहा है। यह नया सीजन इस बार 10 राज्यों में विस्तार करेगा, जिसमें तीन महीनें तक लगभग 140 मैचों का आयोजन किया जायेगा, वहीं इस सीजन का आखिरी और फाइनल मैच 28 अक्टूबर को चेन्नई में होगा। लेकिन सीजन की शुरूआत के पहले आईये बात करते हैं कबड्डी के कुछ बेसिक की। कबड्डी में अटैक का कितना महत्व है? एक टीम स्कोरबोर्ड को चलाये रखने का काम किस प्रकार से करती हैं? फुटबॉल में एक गोल का मतलब एक स्कोर होता है लेकिन कबड्डी में स्कोर प्वाइंट में कैसे तब्दील होता है? जिसमें एक खिलाड़ी को अटैक के मामले में प्रतिद्वंदी के क्षेत्र में जाकर एक सफल रेड अंक हासिल करने का काम करना पड़ता है। रेड क्या है? रेड खेल का वह चरण होता है जब एक खिलाड़ी मध्य वाली रेखा को पार करते हुए विपक्षी टीम के क्षेत्र जाता है और एक प्वाइंट लेने के लिए मैट पर मौजूद विरोधी टीम के डिफेंडर को छूता है और अंक प्राप्त करता है ये रेड कहलाता है। एक आधिकारिक रेड के लिए क्या आवश्यक है? खिलाड़ी को मध्य रेखा को पार करने से पहले अपने आप में कबड्डी- कबड्डी को दोहराना शुरू कर देना चाहिए और तब तक ऐसा करना जारी रखना चाहिए जब तक वह अपने क्षेत्र में वापस न आए। एक बार प्रतिद्वंदी के खाते से खिलाड़ी को अपने पैर से बॉल्क लाइन को पार करना आवश्यक है तभी उसे आधिकारिक रूप से रेड माना जायेगा। कोर्ट के आधे क्षेत्र या प्रतिद्वंदी टीम के क्षेत्र में राइडर किस तरह से घुस सकते हैं? चाहे वो बाएं हो या दाएं वो दोनों ही तरह से ऐसा करने के लिए स्वतंन्त्र हैं। उदाहरण के तौर पर अनूप कुमार दाएं रेडर हैं वहीं दीपक हूडा बाएं रेडर हैं। कुछ खिलाड़ी ऐसे भी होते है जिनके पास दो ही तरफ से रेड करने के योग्यता होती है जैसे कि राहुल चौधरी। रेड प्वाइंट प्राप्त करने के लिए विभिन्न तकनीकें क्या हैं? एक रेड पर एक प्वाइंट हासिल करने के कई तरीके हैं, जो निम्न प्रकार से हैं-
बेहद आसानी से रेडर डिफेंडर को अपने हाथों से छूता है। हालांकि ये सुनने में जितना आसान लगता है उतना है नहीं और इस कला में महारत हासिल करने के लिए सालों की मेहनत चाहिए होती है। इस तकनीक का एक हाथियार है, जिसमें डिफेंडर की मामूली चूक का लाभ लेना होता है और रेडर को डिफेंडर के हाथ, कंधे या छाती के ऊपर हाथ से तेजी से स्पर्श करना होता है। जिसके विशेषज्ञ हैं राहुल चौधरी।
पैर से छूनारेडर अक्सर इस तकनीक का इस्तेमाल करते हैं जब वह डिफेंडर के पास जाने के बजाय और दूर से बचाव करने के लिए अपने पैरों के साथ डिफेंडर को छूते हैं। इसके लिए सफल होने के लिए समय का परफेक्ट इस्तेमाल और पैरों के लंबे खिंचाव के लिए शरीर के निचले हिस्से का लचीला होना बेहद जरूरी होता है। इसके विशेषज्ञ हैं अनूप कुमार।
किकआम तौर पर कोर्ट में जब चार या उससे कम रक्षक होते हैं, तो रेडर एक सुरक्षित दूरी बनाए रखते हैं और एक प्वाइंट हासिल करने के लिए बैक या फ्रंट किक के द्वारा डिफेंडर पर अटैक की योजना बनाते है। इसके किक के विशेषज्ञ हैं जसवीर सिंह।
जंपदर्शकों के लिए यह सबसे रोमांचक और खतरनाक कलाओं में से एक है। जब आक्रमण करने वाला व्यक्ति एक डिफेंडर के ऊपर मैट से कूदते हुए बाहर निकलता है और कई मामलों में जब डिफेंडर की एक श्रृंखला बनाकर रेडर को अपने क्षेत्र में पकड़ना चाहते हैं तब रेडर इस मास्टरस्ट्रोक को अपनाता है, जिसे जंप कहते हैं। संदीप नरवाल इस कला में विशेषज्ञ माने जाते हैं। डुबकी जब एक रेडर प्वांइट लेने के लिए डिफेंडर के हाथों के नीचे झुककर निकलते हुए डाइव मारता है और प्रभावी ढंग से उनके चंगुल से निकलने में सफल हो जाता है। वह डुबकी होता है, इस कौशल को पूरा करने के लिए रेडर की चालाकी और फुर्ती के साथ साथ स्पीड इसके मुख्य कारक होते हैं। जिसमें प्रदीप नरवाल को विशेषज्ञता हासिल है।
बोनसबोनस प्वाइंट केवल तब ही लागू होता है जब कबड्डी मैट पर 6 या उससे अधिक डिफेंडर मौजूद होते हैं। इसके लिए आक्रमण करने वाले को बोनस लाइन को पार करने की आवश्यकता होती है, जिसमें एक पैर उस विशेष लाइन से मैट को छूता हो जबकि रेडर का दूसरा पैर हवा में हो और और उस क्षेत्र के बाहर जमीन पर आधारित नहीं हो। इस बोनस के विशेषज्ञ के तौर पर जांग कुन ली को जाना जाता है। क्या रेडर किए गए रेड पर एक से अधिक प्वाइंट जुटा सकते हैं? जी हां, वे एक से अधिक डिफेंडर के छू लेने से उनके रेड प्वाइंट बढ़ सकते हैं। इसके अलावा अगर बोनस सक्रिय है तो वह एक रेड प्वाइंट और बोनस प्वाइंट का एक संयोजन प्राप्त कर सकते हैं। यह भी पढ़ें: कबड्डी में टैकल करने के तकनीकी पहलू लेखक- विधि शाह अनुवादक- सौम्या तिवारी