कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसके अलग अलग प्रकार हैं। उदाहरण के लिए - अंतर्राष्ट्रीय नियमों के तहत खेली जाने वाली कबड्डी को वो सारे देश मानते हैं जो लगातार इस खेल से जुड़े हैं। कबड्डी के बहुत सारे भारतीय स्टाइल भी हैं क्योंकि इसकी शुरुआत 1000 साल पहले प्राचीन भारत में ही हुई थी। देश के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग नियमों का पालन किया जाता है।
कबड्डी के कुछ प्रसिद्ध भारतीय रूप अमर, पंजाबी, संजीवनी और गामिनी हैं। दक्षिण एशिया में कबड्डी बहुत ही प्रसिद्ध है और बांग्लादेश और नेपाल का राष्ट्रीय खेल भी है।
खेल के अंतर्राष्ट्रीय प्रारूप में दो टीमों के सात खिलाड़ी जीतने के लिए आपस में भिड़ते हैं और जिसके भी ज्यादा अंक होते हैं वो विजयी होता है। पुरुषों के मैच में फील्ड का आकर 10x13 m होता है तो वहीं महिलाओं के लिए ये 8x12 m होता है। हर टीम के पास तीन रिज़र्व खिलाड़ी होते हैं जिनका इस्तेमाल परिस्थिति के हिसाब से किया जाता है। खेल का हर एक हाफ 20 मिनट का होता है और हाफ टाइम के 5 मिनट के ब्रेक के बाद टीमें अपनी अपनी साइड बदल लेती है।
हर टीम अपना रेडर दूसरे टीम के हाफ में भेजती है और पॉइंट जीतने के लिए उस रेडर को अपने सांस को थामकर रखते हुये विरोधी टीम के अधिक से अधिक खिलाडियों को छूना होता है और फिर बिना सांस लिए अपने हाफ में आना होता है। रेडर को रेड के दौरान 'कबड्डी कबड्डी' बोलना होता है जिससे कि रेफरी को लगे कि वो एक ही सांस में ये कर रहा है। रेडर अगर सांस बहार छोड़ता है या अपने हाफ में आने में असफल रहता है तो उसे बाहर कर दिया जाता है।
विरोधी टीम के उन खिलाड़ियों को भी बाहर किया जाता है जो टैग होने के बाद उस रेडर को अपने हाफ में जाने से नहीं रोक पाते। उस डिफेंडरों का यही काम होता है कि वो किसी भी तरह से रेडर को पछाड़ सके। डिफेंडरों को सेंट्रल लाइन पार करने की अनुमति नहीं होती ठीक उसी तरह रेडर को बाउंड्री लाइन पार करने की अनुमति नहीं होती। हालाँकि एक बोनस लाइन भी होता है जिसे छूकर अगर रेडर अपने हाफ में लौट आता है तो उसे बोनस पॉइंट्स मिलते हैं।
जिन खिलाडियों को रेफरी द्वारा बाहर किया जाता है वो कुछ देर मैच में नहीं होते। एक प्लेयर के आउट होने पर एक पॉइंट मिलता है और अगर पूरी टीम बाहर हो जाए तो दूसरी टीम को 3 बोनस पॉइंट मिलते हैं। खेल के अंत में जिस टीम के सबसे अधिक पॉइंट्स होते हैं वो विजयी होती है।
भारतीय अमच्योर कबड्डी फेडरेशन के मुताबिक़ खेल के 4 तरीके
![संजीवनी स्टाइल कबड्डी](https://staticg.sportskeeda.com/editor/2021/12/26c59-16397394347621-1920.jpg?w=190 190w, https://staticg.sportskeeda.com/editor/2021/12/26c59-16397394347621-1920.jpg?w=720 720w, https://staticg.sportskeeda.com/editor/2021/12/26c59-16397394347621-1920.jpg?w=640 640w, https://staticg.sportskeeda.com/editor/2021/12/26c59-16397394347621-1920.jpg?w=1045 1045w, https://staticg.sportskeeda.com/editor/2021/12/26c59-16397394347621-1920.jpg?w=1200 1200w, https://staticg.sportskeeda.com/editor/2021/12/26c59-16397394347621-1920.jpg?w=1460 1460w, https://staticg.sportskeeda.com/editor/2021/12/26c59-16397394347621-1920.jpg?w=1600 1600w, https://staticg.sportskeeda.com/editor/2021/12/26c59-16397394347621-1920.jpg 1920w)
संजीवनी स्टाइल कबड्डी में विरोधी टीम के एक प्लेयर के आउट होने पर दूसरी टीम का एक प्लेयर वापस आ जाता है। ये खेल 40 मिनट का होता है जिसमे दोनों हाफ के बीच 5 मिनट का ब्रेक होता है। हर टीम में 7 खिलाड़ी होते हैं और दूसरी टीम के सभी खिलाडियों को आउट करने पर 4 पॉइंट मिलते हैं।
गामिनी स्टाइल कबड्डी में भी एक टीम में 7 खिलाड़ी होते हैं और अगर खिलाड़ी आउट होता है तो वो तब तक वापस नहीं आ सकता जब तक उसकी पूरी टीम आउट न हो जाए। इस खेल में कोई समय सीमा नहीं होती और खेल तब तक चलता है जब तक कि ऐसे 5 या 7 पॉइंट कोई टीम अर्जित न कर ले
अमर स्टाइल कबड्डी में भी गामिनी कि तरह ही समय सीमा नहीं होती लेकिन इसमें आउट होने वाला खिलाड़ी खेल में रहता है और एक टैग होने पर एक पॉइंट मिलते हैं।।
सर्किल स्टाइल कबड्डी
![सर्किल स्टाइल कबड्डी](https://staticg.sportskeeda.com/editor/2018/09/fabdc-15379570686624-800.jpg?w=190 190w, https://staticg.sportskeeda.com/editor/2018/09/fabdc-15379570686624-800.jpg?w=720 720w, https://staticg.sportskeeda.com/editor/2018/09/fabdc-15379570686624-800.jpg?w=640 640w, https://staticg.sportskeeda.com/editor/2018/09/fabdc-15379570686624-800.jpg?w=1045 1045w, https://staticg.sportskeeda.com/editor/2018/09/fabdc-15379570686624-800.jpg?w=1200 1200w, https://staticg.sportskeeda.com/editor/2018/09/fabdc-15379570686624-800.jpg?w=1460 1460w, https://staticg.sportskeeda.com/editor/2018/09/fabdc-15379570686624-800.jpg?w=1600 1600w, https://staticg.sportskeeda.com/editor/2018/09/fabdc-15379570686624-800.jpg 1920w)
पंजाबी कबड्डी की शुरुआत पंजाब से हुई थी। इसे पंजाबी सर्किल स्टाइल कबड्डी भी कहा जाता है। राज्य और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर इसे खेला जाता है और अमच्योर सर्किल कबड्डी फेडरेशन इसे निर्धारित करती है। लम्बी कबड्डी, सौंची कबड्डी, गूंगी कबड्डी और इसी तरह इसके 19 पारंपरिक प्रकार हैं। पंजाबी कबड्डी को कबड्डी विश्व कप और वर्ल्ड कबड्डी लीग जैसे अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों में इस्तेमाल किया जाता है।
लम्बी कबड्डी में 15-20 फीट के गोल फील्ड में 15 खिलाड़ी भाग लेते हैं। इसमें कोई रेफरी और लिमिट नही होता। खिलाड़ी जितना मन उतनी दूर भाग सकते हैं। रेडर को रीडिंग के दौरान 'कबड्डी कबड्डी' बोलना पड़ता है। बाकी सारे नियम अमर कबड्डी कि तरह होता है।
सौंची कबड्डी बॉक्सिंग की तरह होता है। ये पंजाब के मालवा क्षेत्र में प्रसिद्ध है। गोल क्षेत्र में अनगिनत खिलाड़ी खेलते हैं। मैदान में एक बांस लगा होता है जिसमे लाल कपड़ा बंधा होता है। इसमें रेडर डिफेंडर कि छाती पर हमला करता है। डिफेंडर को सिर्फ रेडर की कलाई पकड़ने कि इज़ाज़त होती है और बाकी कहीं टच होने पर फ़ाउल हो जात है। अगर रेडर कलाई छुड़ा ले तो वो विजेता नहीं तो डिफेंडर विजयी होता है।
गूंगी कबड्डी में रेडर को सिर्फ एक बार चिल्ला कर 'कबड्डी' बोलना होता है और विरोधी टीम के खिलाड़ी को टच करना होता है। अगर डिफेंडर उसे हाफ तक न जाने दे तो उनकी टीम को पॉइंट मिलता है और अगर रेडर हाफ तक पहुंच जाए तो फिर उसकी टीम को पॉइंट मिलता है।