सर्किल स्टाइल कबड्डी
पंजाबी कबड्डी की शुरुआत पंजाब से हुई थी। इसे पंजाबी सर्किल स्टाइल कबड्डी भी कहा जाता है। राज्य और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर इसे खेला जाता है और अमच्योर सर्किल कबड्डी फेडरेशन इसे निर्धारित करती है। लम्बी कबड्डी, सौंची कबड्डी, गूंगी कबड्डी और इसी तरह इसके 19 पारंपरिक प्रकार हैं। पंजाबी कबड्डी को कबड्डी विश्व कप और वर्ल्ड कबड्डी लीग जैसे अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों में इस्तेमाल किया जाता है।
लम्बी कबड्डी में 15-20 फीट के गोल फील्ड में 15 खिलाड़ी भाग लेते हैं। इसमें कोई रेफरी और लिमिट नही होता। खिलाड़ी जितना मन उतनी दूर भाग सकते हैं। रेडर को रीडिंग के दौरान 'कबड्डी कबड्डी' बोलना पड़ता है। बाकी सारे नियम अमर कबड्डी कि तरह होता है।
सौंची कबड्डी बॉक्सिंग की तरह होता है। ये पंजाब के मालवा क्षेत्र में प्रसिद्ध है। गोल क्षेत्र में अनगिनत खिलाड़ी खेलते हैं। मैदान में एक बांस लगा होता है जिसमे लाल कपड़ा बंधा होता है। इसमें रेडर डिफेंडर कि छाती पर हमला करता है। डिफेंडर को सिर्फ रेडर की कलाई पकड़ने कि इज़ाज़त होती है और बाकी कहीं टच होने पर फ़ाउल हो जात है। अगर रेडर कलाई छुड़ा ले तो वो विजेता नहीं तो डिफेंडर विजयी होता है।
गूंगी कबड्डी में रेडर को सिर्फ एक बार चिल्ला कर 'कबड्डी' बोलना होता है और विरोधी टीम के खिलाड़ी को टच करना होता है। अगर डिफेंडर उसे हाफ तक न जाने दे तो उनकी टीम को पॉइंट मिलता है और अगर रेडर हाफ तक पहुंच जाए तो फिर उसकी टीम को पॉइंट मिलता है।