प्रो कबड्डी लीग के चौथे संस्करण में बेंगलुरू बुल्स ने मोहित छिल्लर को 53 लाख में खरीदा था और छिल्लर कबड्डी के इतिहास में सबसे महंगे खिलाड़ी रहे थे पर अगर दक्षिण कोरिया के खिलाफ खेले गए मैच में छिल्लर के प्रदर्शन को आधार बनाया जाए तो न सिर्फ छिल्लर इस टीम में प्रथम सात में अपनी जगह बनाये रखने में समर्थ दिख रहे हैं और न ही प्रो कबड्डी लीग के पांचवे संस्करण में किसी टीम के लिए महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में। छिल्लर ने पूरे मैच में सिर्फ एक टैकल करने की कोशिश की और उसमें भी वो असफल रहे। उनके लिए ज़रूर ही ये उनकी ज़िन्दगी का सबसे ख़राब मैच रहा होगा । अगर इस बार हमें ये विश्व कप जीतना है तो इस राइट कार्नर डिफेंडर को अब अपने नाम और ख्याति के दम पर टीम में रहने की आदत बदलकर कुछ तगड़ा प्रदर्शन करके दिखाना होगा।