प्रो कबड्डी लीग (Pro Kabaddi League) सीजन 8 अपने आधे सत्र को पूरा कर चूका है। सभी टीमों ने अपनी प्रतिभा के अनुसार दमदार खेल दिखाया है और साथ ही कई युवा खिलाड़ी भी इस बार सामने निखर कर आये हैं। इस लिस्ट में सबसे ऊपर नाम हरियाणा स्टीलर्स (Haryana Steelers) के मीतू शर्मा (Meetu Sharma) का है, जिन्होंने अपनी रेडिंग स्किल्स से सभी कबड्डी प्रेमियों का दिल जीता है।
हरियाणा के पानीपत जिले के एक छोटे से गाँव से आने वाले मीतू शर्मा के लिए प्रो कबड्डी लीग का यह पहला सीजन है, जिसमें उन्होंने धमाकेदार प्रदर्शन किया है। स्पोर्ट्सकीड़ा से हुई ख़ास बातचीत में उन्होंने अपने कबड्डी के सफर और पीकेएल की चकाचौंध में खेलने को लेकर भाव प्रकट किये हैं।
अपनी कबड्डी की शुरुआत और सफ़र के बारे में कुछ बताइए?
कबड्डी की शुरुआत गाँव से हुई थी। बचपन से ही मुझे खेलने का शौक था और हमारे गाँव में केवल कबड्डी का ही खेल था, तो सीनियर खिलाड़ियों को देखते हुए मैंने भी कबड्डी खेलना शुरू की।
PKL की चकाचौंध देखकर कैसा फील हुआ आपको?
प्रो कबड्डी की चकाचौंध से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि राष्ट्रीय खेलों में भी दर्शक आते हैं लेकिन यह एक स्तर और ऊपर है, जिसका दबाव जाहिर तौर पर होता है। एक युवा खिलाड़ी होने के चलते यह दबाव रहता है कि पहले अच्छा खेला था तो इस स्तर पर भी अच्छा खेल दिखाना होगा।
कप्तान विकाश कंडोला और कोच राकेश कुमार ने भी आपके खेल की तारीफ की, ऐसा क्यों?
मैंने SAI में खेलते हुए बेस्ट रेडर का ख़िताब हासिल किया था साथ ही गोल्ड मैडल भी जीता था। इसके साथ ही सीनियर लेवल और लोकल टूर्नामेंट में भी मैंने बेहतरीन प्रदर्शन किया था, तो इसलिए कप्तान विकास कंडोला, कोच राकेश कुमार और टीम मैनेजमेंट ने मुझ पर भरोसा जताया है।
आपके खेल में ऐसी क्या खूबी है जो लोगों को पसंद आएगी और आपका स्पेशल मूव?
मेरे पास स्पीड और स्किल्स मौजूद हैं। इसलिए टीम ने मुझ पर विश्वास किया है। मेरा स्पेशल मूव सामने से लगाई गई 'किक' है। अभी युवा खिलाड़ी के तौर पर मुझे अपना खेल दिखाना बाकी है, जो आगामी लीग में देखने को मिलेगा।
हरियाणा टीम अभी टॉप 6 में नहीं है तो आगामी मैचों में किस प्रकार टीम वापसी करेगी?
मुझे अपने आप और टीम पर पूरा भरोसा है और जिस प्रकार से हमारे सभी कोच टीम के साथ मेहनत कर रहें है, तो हम एक टीम के रूप में जरुर वापसी करेंगे।
अपनी कामयाबी का श्रेय किसे देना चाहेंगे?
जब मैंने कबड्डी की शुरुआत की तो मेरे गाँव के कोच सोनू जागलान ने मेरी बहुत मदद की और मुझे खेलना सीखाया था। इसके बाद मेरे खेले में जो कमी थी वो SAI में मेरे कोच धर्मपाल और जयबीर शर्मा ने पूरी की थी। और अब पिछले कुछ महीनों से राकेश सर के नेतृत्व में मैंने बहुत कुछ सीखा है। इसलिए इन सभी कोचों को मैं कबड्डी में मिली इस कामयाबी का श्रेय देना चाहूँगा।