PKL 2022 में बेंगलुरु और पुणे लेग खेले जा चुके हैं और फ़िलहाल हैदराबाद लेग खेला जा रहा है। प्रो कबड्डी लीग (Pro Kabaddi League) के नौवें सीजन में अभी तक काफी खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है, वहीं कई खिलाड़ी बुरी तरह फ्लॉप रहे जिसका नुकसान उनकी टीम को हुआ।PKL 2022 में कई दिग्गजों ने अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया है और सबसे ज्यादा रेड एवं टैकल पॉइंट के मामले में टॉप पर हैं। हालाँकि कुछ दिग्गजों ने काफी निराशाजनक प्रदर्शन किया और इसी वजह से उन्हें टीम से बाहर भी कर दिया गया।आइये नज़र डालते हैं 3 ऐसे दिग्गजों पर जिन्हें खराब प्रदर्शन के कारण PKL 2022 में टीम से बाहर होना पड़ा:# मोनू गोयत (तेलगु टाइटंस) View this post on Instagram Instagram PostPKL 2022 में तेलुगु टाइटंस के प्रमुख रेडर मोनू गोयत ने अपने प्रदर्शन से काफी निराश किया। मौजूदा सीजन में मोनू ने 10 मैच खेले, जिसमें उन्होंने सिर्फ 32 रेड पॉइंट लिए और उसके अलावा उनके नाम 1 टैकल पॉइंट भी रहा। इस दौरान तीन मैचों में मोनू ने टीम की कप्तानी भी की, लेकिन टीम को उससे कोई फायदा नहीं हुआ। खराब फॉर्म को देखते हुए मोनू को आख़िरकार प्लेइंग 7 से बाहर कर दिया गया। देखना होगा कि आने वाले मैचों में मोनू गोयत को खेलने का मौका मिलता है या नहीं।# मोहम्मद नबीबक्श (पुनेरी पलटन) View this post on Instagram Instagram PostPKL 2022 में पुनेरी पलटन के प्रमुख ऑलराउंडर मोहम्मद नबीबक्श ने अपने प्रदर्शन से काफी निराश किया और 11 मैच खेलने के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। 11 मैचों में मोहम्मद नबीबक्श सिर्फ 8 टैकल और 5 रेड पॉइंट ले सके। पुनेरी पलटन मौजूदा सीजन में काफी शानदार प्रदर्शन कर रही है, लेकिन नबीबक्श में इसमें ज्यादा योगदान नहीं दिया। उनकी जगह आकाश शिंदे को खेलने का मौका मिल रहा है और वो लगातार काफी अच्छा कर रहे हैं।# प्रशांत कुमार राय (गुजरात जायंट्स) View this post on Instagram Instagram PostPKL के आठवें सीजन में पटना पाइरेट्स के कप्तान रहे प्रशांत कुमार राय मौजूदा सीजन में गुजरात जायंट्स की टीम का हिस्सा हैं। हालाँकि उन्हें सिर्फ तीन मैच में ही खेलने का मौका मिला और खराब फॉर्म की वजह से उसके बाद ड्रॉप कर दिया गया। इन तीन मैचों में से एक में प्रशांत ने टीम की कप्तानी भी की, लेकिन कुल मिलाकर सिर्फ 2 रेड पॉइंट ही ले सके और इसी वजह से प्लेइंग 7 से बाहर हो गए। आने वाले मैचों में इस बात की उम्मीद कम है कि उन्हें खेलने का मौका मिलता या नहीं।