प्रो कबड्डी लीग (PKL 8) का आठवां सीजन कुछ दिन पहले ही खत्म हुआ। दबंग दिल्ली ने फाइनल में पटना पाइरेट्स को हराते हुए इतिहास रचा और पहली बार PKL का खिताब अपने नाम किया। यह सीजन लगभग दो साल के अंतराल के बाद हुआ और इसी वजह से हर किसी को इसका बेसब्री से इंतजार था।
यह कहना गलत नहीं होगा कि PKL 8 ने किसी को भी निराश नहीं किया और यह सीजन पूरी तरह से फैंस की उम्मीदों पर खरा उतरा। यह PKL इतिहास का सबसे यादगार और रोमांचक सीजन रहा। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्ले-ऑफ में तीन टीमें बिल्कुल आखिरी दिन पहुंची।
इसके अलावा भी इस सीजन में ऐसा काफी कुछ हुआ जिसकी वजह से PKL 8 को फैंस जरूर सालों तक याद रखेंगे और इस आर्टिकल में हम ऐसे ही कारणों के ऊपर नजर डालने वाले हैं।
#) PKL 8 में रिंकू का सचिन तंवर को अकेले सुपर टैकल करना
यू मुंबा और पटना पाइरेट्स का मुकाबला 11 जनवरी को हुआ था और यह इस सीजन का 47वां मुकाबला था। इस मैच के पहले हाफ की आखिरी रेड करने पटना पाइरेट्स के सचिन तंवर गए थे। उस समय यू मुंबा के दो डिफेंडर्स (रिंकू और हरेंद्र कुमार) एक्टिव थे। हालांकि हरेंद्र कुमार सेल्फ आउट हो गए थे और रिंकू अकेले रहे गए थे। इस समय ऐसा लग रहा था कि यू मुंबा की टीम ऑल-आउट हो जाएगी, लेकिन रिंकू ने ऐसा कुछ किया जिसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी।
रिंकू ने पहले खुद को बचाया और फिर सचिन के एंकल को पकड़ लिया। रिंका का होल्ड इतना मजबूत था कि सचिन खुद को बचा नहीं पाए और वो आउट हो गए। PKL इतिहास में इस तरह के टैकल काफी कम देखने को मिलते हैं और आने वाले समय में भी शायद ही ऐसे और देखने को मिलेंगे। इस मैच को भले ही यू मुंबा हार गई थी, लेकिन इस मैच को पूरी तरह से रिंकू के लिए याद किया जाता है।
#) PKL 8 में लॉबी रूल के कारण एक साथ आउट हुए 8 खिलाड़ी
PKL के इस सीजन में जिस रूल का सबसे ज्यादा जिक्र हुआ वो लॉबी रूल था। 20 जनवरी को PKL 8 का 67वां मुकाबला बेंगलुरु बुल्स और बंगाल वॉरियर्स के बीच खेला गया था। मैच के 30वें मिनट में बंगाल वॉरियर्स के ऊपर ऑल-आउट का खतरा मंडरा रहा था और सिर्फ मोहम्मद नबीबक्श ही एक्टिव प्लेयर रह गए थे।
नबीबक्श अपनी रेड के दौरान बिना किसी डिफेंडर को टच किए लॉबी में चले गए थे। इस बीच बेंगलुरु बुल्स के भी सातों डिफेंडर्स लॉबी में चले गए थे। नियम के कारण ही मोहम्मद नबीबक्श तो आउट हुए ही उनके साथ बेंगलुरु बुल्स के सातों डिफेंडर भी आउट हो गए। इसी वजह से एक साथ 8 खिलाड़ी आउट हुए। इस नियम का सबसे ज्यादा नुकसान बेंगलुरु बुल्स को हुआ और वो अंत में इस मैच को हार गए।
#) PKL 8 में टाई हुए 19 मुकाबले
PKL 8 को अभी तक का सबसे मुश्किल सीजन कहा गया और इसके पीछे का मुख्य कारण यह भी रहा भी इस सीजन कुल मिलाकर 19 मुकाबले टाई रहे। ऐसा PKL के पहले किसी भी सीजन में नहीं हुआ। इतने रोमांचक मुकाबलों ने ही PKL 8 को इतना ज्यादा सफल बनाया। इस सीजन तमिल थलाइवाज ने सबसे ज्यादा 6, यू मुंबा ने 5, गुजरात जायंट्स और तेलुगु टाइटंस ने 4-4 मैच टाई खेले। फैंस भी ऐसे ही रोमांचक मुकाबला देखना चाहते हैं और PKL 8 ने बिल्कुल भी निराश नहीं किया।