PKL 9: प्रो कबड्डी लीग (PKL) के नौवें सीजन से पहले पवन सेहरावत (Pawan Sehrawat) को बेंगलुरु बुल्स (Bengaluru Bulls) ने रिटेन नहीं किया था। अधिकतर लोगों को उम्मीद थी कि नीलामी में रणधीर सिंह (Randhir Singh) अपने सबसे प्यारे खिलाड़ी को वापस लाएंगे। खुद पवन को भी यही उम्मीद थी और उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स के शो में इस बात का जिक्र भी किया था। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ और तमिल थलाइवाज (Tamil Thalaivas) ने पवन को लीग इतिहास का सबसे महंगा खिलाड़ी बनाते हुए 2.26 करोड़ रूपये में अपने साथ जोड़ा है।
बेंगलुरु के कोच रणधीर ने अब खुलासा किया है कि क्यों उन्होंने पवन के लिए बोली नहीं लगाने का फैसला लिया था। रणधीर के मुताबिक उन्हें पता था कि पवन नीलामी में 2.2 से 2.3 करोड़ रूपये तक जाने वाला है और उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे पवन के लिए रुक सकते। उन्हें यह भी डर था कि अधिक पर्स वाली टीमें उनका खेल बिगाड़ देंगे। रणधीर ने ब्रॉडकास्टर्स से बात करते हुए कहा,
"मुझे पता था कि पवन 220-230 लाख रूपये तक जाएगा। विकास कंडोला का नाम पहले आया तो मैंने सोचा कि मुझे उसके लिए जाना चाहिए। यदि मैंने पैसे रोकने की कोशिश की होती तो शायद हम विकास और पवन दोनों को खो देते।"
आपको बता दें कि जब बेंगलुरु बुल्स के कोच पवन सेहरावत के बारे में बात कर रहे थे तब वो काफी ज्यादा भावुक हो गए थे और उन्हें रोते हुए भी देखा जा सकता था। यहां तक पवन कुमार सेहरावत भी काफी इमोशनल हो गए थे, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि बुल्स उनके लिए FBM कार्ड का इस्तेमाल करेगी। हालांकि पवन इतने महंगे चले गए थे कि FBM वाला विकल्प ही खत्म हो गया था।
"PKL में विकास कंडोला मेरे अंडर खेलना चाहता था"- रणधीर सिंह
पवन की नीलामी होने से पहले विकास कंडोला लीग इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी बने थे। बेंगलुरु ने उनके लिए आक्रामक बोली लगाई और 1.7 करोड़ रूपये में अपने साथ जोड़ा था। इसके साथ ही विकास लीग इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी बने थे। हालांकि, थोड़ी ही देर बाद पवन ने सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए थे। रणधीर ने बताया है कि विकास ने उनके अंडर खेलने की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा,
"विकास कंडोला ने एक बार मुझसे कहा था कि वह मेरे अंडर खेलना चाहता है। अब उसे यह मौका मिल गया है।"