भारी सफलता के साथ बड़े पैमाने पर दबाव आता है। कुछ खिलाड़ियों की जांच के दौरान वह कामयाब रहे जबकि अन्य फीके पड़ गए। हम कोई भी एक विशेष पहलू के बारे में नहीं कह सकते जो कि उनके खराब प्रदर्शन की ओर जाता है। यह चोटों का एक संयोजन, मन की मानसिक संरचना, टीम के प्रदर्शन, खुद से बहुत कुछ उम्मीद कर और कई अन्य कारणों से हो सकते हैं। इस खेल में अमूमन इस दौर का सामना करना पड़ता है और जब पतन होता है, तो यह बहुत ही मुश्किल है कि इस दौर से आसानी से निकला जा सके क्योंकि ये खिलाड़ी के जीवन का सबसे मुश्किल समय होता है और कठिन परिश्रम करने बावजूद भी बहुत से खिलाड़ी इससे बाहर नहीं निकल पाते। हम ऐसे पांच ऐसे खिलाड़ियों को देखते हैं जिन्होंने शानदार ढंग से शुरुआत की लेकिन अंततः दूर हो गए। रवि दलाल हम आखिरी बार तो यह याद नहीं कर सकते हैं कि एक कमेंटेटर या किसी प्रशंसक से रवि दलाल के बारे में बात करते हुए सुना हो, पर ये ज़रूर कह सकते है कि रवि दलाल एक वक़्त पटना पायरेट्स की रीड की हड्डी हुआ करते थे। इनका पहला सीज़न पटना पायरेट्स के साथ शानदार था। हालाकिं उस वर्ष टीम ने ख़िताब नहीं जीता, लेकिन दलाल का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा था। 26 वर्षीय रवि दलाल ने 111 रेड अंक उठाए थे, उन्होंने दीपक निवास हुड्डा और ऋषंक देवदीग की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया था। दलाल प्रो कबड्डी लीग के शुरुआती सत्र में सातवें श्रेष्ठ रेडर थे। वहां से प्रतिभाशाली आक्रमण करने वालों से बहुत उम्मीद की गई थी, लेकिन वह प्रचार करने में विफल रहे। सीजन 2 में, उन्होंने एक मात्र 44 रेड के अंक उठाए जो उनके पतन की शुरुआत थी। दलाल ने सीजन 4 में सिर्फ 13 अंक प्राप्त किये थे, आगामी सीजन के लिए दलाल दिल्ली का प्रतिनिधित्व करेंगे और वह फॉर्म में वापसी के लिए बेकरार होंगे। सुरजीत नरवाल [caption id="attachment_128744" align="aligncenter" width="332"] पिछले सीजन में बंगाल के लिए सुरजीत नरवाल एक और निराशा थी[/caption] नरवाल एक अन्य रेडर थे जिन्होंने प्रो कबड्डी कैरियर को धमाकेदार अंदाज़ के साथ शुरू किया था। अपने पहले वर्ष में ही उन्होंने दबंग दिल्ली के लिए 113 बड़े पैमाने पर रेड के अंकों को उठाया, आधिकारिक तौर पर खुद को मजबूर करने के लिए मजबूर कर दिया। इन्हें फ्लाइंग मशीन के रूप में जाना जाता है, सुरजीत ने अपने एथलेटिक गोता और टच हथियार के साथ दर्शकों के लिए हमेशा एक शो रखा और विपक्षियों के लिए खौफ़। हालांकि, चोटों से ग्रस्त, वह दूसरे सीजन में कोई प्रभाव नहीं बना सके। फिर से फिट नरवाल सीजन 3 में लौटे, इस बार बेंगलुरु बुल्स के लिए, वह पूरे सत्र में खराब 40 रेड अंक हासिल करने के साथ ही अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहे। मानो या न मानो, नरवाल ने पिछले सत्र में सिर्फ सात रेड पॉइंट लिए बंगाल वॉरियर्स के लिए और एक बार फिर प्लॉप शॉ ज़ारी रखा। जसमीर सिंह गुलिया [caption id="attachment_128743" align="aligncenter" width="800"] जसमीर सिंह गुलिया का भाग्य हमेशा एक चक्र पर रहा है[/caption] लगभग सबसे अनुभवी ऑल राउंडरों में से एक जसमीर सिंह मुख्य रूप से एक डिफेंडर के रूप में खेलते हैं, पीठ पर गहराई से पकड़ रखते हैं और यह 35 वर्षीय खिलाड़ी एक वक़्त लीग में सबसे महंगे खिलाड़ियों में से एक था। दरअसल तेलुगु टाइटन्स ने सिंह को पुणे से सीजन 2 में 35.5 लाख रुपये में ख़रीदा था। यह पहला मौका है जब जसमेर को लीग में एक डिफेंडर के तौर में चौथा नंबर था, पहले सत्र में पुनेरी पलटन के लिए सिंह ने 38 शानदार मुकाबले अंक लिए थे। खेल का एक महान पाठक माने जाने वाला यह अनुभवी खिलाड़ी, सीजन 2 में अपना फॉर्म दोहराने में ना कामयाब रहा था, जहां सिंह ने राहुल चौधरी (7) की तुलना में कम टेकल अंक (2) उठाए। सिंह ने सीज़न 3 में अपने प्रदर्शन से आसपास की चीजें बदल दीं, खुद को लीग में पांचवें सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर के रूप में लाए। लेकिन एक बार फिर खराब फार्म उन्हें वापस लेने के लिए वापस आया क्योंकि वह सीज़न 4 में 19 अंक ले पाए और ख़ुद को पांच से पच्चीसवें स्थान पर पंहुचा दिया। इस बार खेल प्रशंसको को सिंह से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। प्रशांत चव्हाण [caption id="attachment_128745" align="alignnone" width="800"] प्रशांत चव्हाण का पिछले सीजन में अच्छा अभियान नहीं था[/caption] चव्हाण 2014 का साल कभी नहीं भूल सकता, उन्होंने जयपुर पिंक पैन्थर्स के साथ इस टूर्नामेंट का खिताब जीता, इस प्रक्रिया में 32 शानदार टेकल पॉइंट बनाये, वह इस लीग में सातवें स्थान पर रहे। हालांकि, भारी सफलता के बाद सीजन 2 उनके लिए बेहद बुरा रहा, इस दौरान उन्होंने केवल 11 अंक हासिल किए थे। दृश्यों में बहुत आवश्यक परिवर्तन की तलाश में चव्हाण, सीजन 3 के लिए पुनेरी पलटन में स्थानांतरित हुए। लेकिन उनका खराब दौर लगातार ज़ारी रहा और इस सीजन में उन्होंने सिर्फ़ 3 अंक अर्जित किए, यह उनका आज तक का सबसे बुरा प्रदर्शन था। एक बार फिर, उनका स्थान स्थानांतरित कर दिया, इस बार देश की राजधानी दिल्ली में, लेकिन उनका बुरा प्रदर्शन फिर ज़ारी रहा और डिफेंडर ने पिछले सीजन के मुकाबले 10 अंक अर्जित किए, इस बार फिर वो अच्छे प्रदर्शन के लिए उम्मीद लगाए हुए है। सुकेश हेगड़े [caption id="attachment_128746" align="alignnone" width="800"] सुकेेश हेगड़े के प्रदर्शन में आई अचानक गिरावट काफ़ी आश्चर्यजनक है.[/caption] इस सूची में अब तक के सबसे प्रसिद्ध खिलाड़ी सुकेश हेगड़े है, हेगड़े 2014 में उन त्रिमूर्ति का हिस्सा थे जिनकी चर्चा आज भी कबड्डी के हर मंच पर होती है, दीपक निवास हुड्डा और राहुल चौधरी के साथ मिलकर हेगड़े ने शानदार 79 अंक बनाए और राहुल चौधरी के साथ इनकी साझेदारी को खेल में सबसे अधिक शक्तिशाली माना जाता था। दूसरों के विपरीत, सुकेत बिट्स और भागों में फीका नहीं हुई थे। जब अचानक से उनका खेल बिगड़ा और वह आउट ऑफ़ फॉर्म गये तब ये चौंकाने वाला था। सीज़न 2 और 3 में भी उनका प्रदर्शन ठीक नहीं रहा और निरंतरता में कमी देखी गयी, यह उनके प्रशंसकों के लिए न पचने वाली बात थी।फिर सीजन 4 आया और फिर से हेगड़े से उम्मीद की गयी, पर इस बार तो उनका प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा और उन्हें अधिकांश वक़्त बेंच पर ही व्यतीत करने पड़ा। इस सीजन में वह सिर्फ़ 7 अंक ही अर्जित कर पाए। लेखक: सोमेश चंद्रन अनुवादक: संकेत चौबे